दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन पर पुलिस को मिली संदिग्ध बाइक, 2020 में हुई थी चोरी

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस को गाजीपुर फूल मंडी में आईईडी मिलने के मामले में एक नई सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने दिलशाद गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास से बाइक जब्त की है। पुलिस मान रही है कि इसी बाइक का इस्तेमाल गाजीपुर में आईईडी प्लांट करने के लिए हुआ था। बता दें कि गाजीपुर में भी दो संदिग्ध लोग काले रंग की बाइक पर ही जाते हुए दिखाई दिए थे। जब्त बाइक 2020 में शास्त्री पार्क से चोरी की गई थी।
राजधानी को दहलाने की साजिश रचने वाले लोगों के बारे में दिल्ली पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। एक के बाद एक लगभग 20 फिंगर प्रिंट मौके से मिले हैं। खास बात यह भी है कि ओल्ड सीमापुरी और पिछले महीने गाजीपुर फूल मंडी में मिली आईईडी एक जैसी थीं। दोनों जगह मिली आईईडी लोहे के पार्सलनुमा बॉक्स में थी और टेप से लिपटी हुई थी। दोनों ही कॉले रंगे के पिट्ठू बैग में थी और वजन भी लगभग एक समान था। इसलिए आशंका है कि दोनों जगह आईईडी एक ही गिरोह ने रखी। उधर, आरोपियों की धरपकड़ के लिए दिल्ली पुलिस की टीमें दिल्ली, एनसीआर, यूपी व हिमाचल प्रदेश में दबिश दे रही हैं।स्पेशल सेल के पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस बार आईईडी को निष्क्रिय (नष्ट) नहीं किया गया है, जबकि डिफ्यूज किया गया। ऐसा इसलिए किया गया है कि आईईडी व बैग आदि से पुलिस को कोई सुराग मिल सके। जांच में  स्पष्ट हो चुका है कि युवकों ने मकान मालिक को किसी तरह का पहचान पत्र आदि नहीं दे रखा था। हालांकि, वहां से फिंगर प्रिंट अब आरोपियों तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

मुखबिर ने दी थी सीमापुरी में संदिग्धों की सूचना

स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस को मुखबिर ने सूचना दी थी कि गाजीपुर फूल मंडी आईईडी से जुड़े कुछ युवक ओल्ड सीमापुरी में रह रहे हैं। शुरू में पुलिस को वह मकान नहीं मिला था, जिसमें आरोपी युवक रह रहे थे। मुखबिर ने बृहस्पतिवार को मकान का सही पता बता दिया। पुलिस को घर के बाहर ताला लगा मिला। मकान मालिक को बुलाकर ताला तोड़ा गया तो कमरे के अंदर एक बड़ा बैग मिला।उसमें आरोपियों के कपड़े थे और कुछ दूरी पर लैपटॉप वाला पिट्ठू बैग रखा था। उसे खोला गया तो उसमें पार्सल मिला। वह बिल्कुल ऐसा था जैसा गाजीपुर फूल मंडी में मिला था। पार्सल को पीले रंग की टेप से लपेटा हुआ था। बैग के अंदर करीब छह 12 बोल्ट की बैटरी व दो कटर भी मिले।स्पेशल सेल की टीम को कुछ संदिग्ध लगा तो 100 नंबर पर कॉल की गई।पार्सल पर कवरिंग व पैकेज से पुलिस टीम को संदेह हुआ था। बम निरोधक दस्ता (बीडीएस) को मौके पर बुलाया गया। बीडीएस ने हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद एनएसजी को बुलाया गया। एनएसजी ने साफ किया कि पार्सल में विस्फोटक है। रोबोट के जरिए पार्सल को खाली मैदान में ले जाया गया, जहां आईईडी को डिफ्यूज किया गया।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि स्पेशल सेल की टीम संदिग्धों की तलाश में ओल्ड सीमापुरी गई थी। उसे ये पता नहीं था कि मौके से कुछ विस्फोटक मिलेगा।आरोपी युवकों ने मकान किराए पर लेते समय छोटा व्यवसाय करने की बात कही थी। पुलिस को मौके से भी किसी तरह की आईडी या आरोपियों की पहचान करने वाले कुछ भी कागजात नहीं मिले हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार शुक्रवार शाम तक यह पता नहीं चल सका कि मकान में कितने युवक रह रहे थे। वहां दो से तीन युवकों के रहने की बात कही जा रही है। जिस काले रंग के लैपटॉप के पिट्ठू बैग में आईडी मिली है वह लोकल बैग है। ऐसा लग रहा है कि उसे स्थानीय बाजार से ही खरीदा गया है। क्योंकि, उस पर कुछ नहीं नहीं लिखा है।

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