माता के इस मंदिर में एक साथ सिर झुकाते हैं डकैत और पुलिस

Dacoits and police bow their heads together in this temple of Mata

ग्वालियर,(मध्य प्रदेश)। नवरात्रि की शुरुआत के साथ मध्य प्रदेश में ग्वालियर जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर सातऊ गांव के घने जंगलों में विराजमान मां शीतला के मंदिर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो गया है। यह मंदिर घने जंगलों में होने के कारण यहां पर जंगली जानवरों का खतरा अक्सर बना रहता है। लेकिन आज तक किसी भी जंगली जानवर ने किसी श्रद्धालु या भक्त पर कभी हमला नहीं किया है। मंदिर के पुजारियों के मुताबिक कभी यहां पर पत्थर के सात टुकड़े हुआ करते थे लेकिन आज यहां पर एक विशाल मंदिर है।

घने जंगलों में मौजूद मां शीतला के मंदिर में डकैतों का भी आना जाना काफी रहा है। ग्वालियर चंबल क्षेत्र के कुख्यात डकैत भी यहां पर आकर सिर झुकाया करते थे। डकैत यहां पर घंटा चढ़ाने आते थे। इसी के साथ पुलिस और प्रशासन के बड़े-बड़े अधिकारी भी मां शीतला के दरबार में आकर सिर झुकाते हैं। यहां आने वाले हर शख्स की मनोकामना पूरी होती है।मां शीतला के मंदिर में परंपरा है कि यहां पर स्थित झूला झुलाने से जिस महिला की सूनी गोद होती है, वह भर जाती है। माता के मंदिर के पास बड़ी-बड़ी पहाड़ियां हैं। माना जाता है कि यहां पर अगर पत्थरों से प्रतीकात्मक मकान बना दिया तो भक्तों के अपने घर का सपना भी मां पूरा कर देती हैं।मां शीतला के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु आसपास के गांव से लेकर शहर तक से पैदल चलकर मां के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं।

शीतला माता मंदिर डकैतों की आस्था का भी बड़ा केंद्र रहा है। यहां पर चंबल के कुख्यात डकैत पूजा अर्चना करने के लिए आया करते थे और मां के सामने सिर झुकाते थे। मां शीतला घने जंगलों में पहाड़ी के बीच विराजमान हैं। इसलिए यहां पर डकैतों का अक्सर आना-जाना लगा रहता था। वे यहां पर आकर घंटा चढ़ाया करते थे। कुख्यात डकैत मोहर सिंह, मलखान सिंह ,दयाराम रामबाबू गडरिया गैंग भी यहां पर घंटा चढ़ाने आया करती थी। मां शीतला माता मंदिर पर आने वाले भक्त यहां पहाड़ी पर पत्थरों से मकान बनाते हैं। भक्त अपने सपनों का मकान पत्थरों से बनाते हैं और शीतला मां से कामना करते हैं कि उनको असल रूप में उनके सपनों का घर बनाने में माता मदद करेंगी।

ग्वालियर चंबल इलाके में लाखों की संख्या में लोग दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं। खासकर सोमवार और शुक्रवार के दिन यहां पर भक्तों का मेला लगता है। इसके साथ ही नवदुर्गा उत्सव के दिनों में माता रानी के दर्शन करने के लिए लंबी-लंबी लाइनें मंदिर के बाहर सुबह से लेकर रात तक दिखाई देती हैं। यहां पर बड़ी संख्या में पुलिस अधिकारी भी तैनात रहते हैं। नवदुर्गा उत्सव के दिनों यहां पर भव्य मेले का भी आयोजन किया जाता है।

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