सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पारदर्शिता का पालन नहीं कर रहा, ‘ब्लू टिक’ भ्रामक : यूरोपीय संघ

लंदन/एजेंसी। यूरोपीय संघ (ईयू) ने शुक्रवार को कहा कि एलन मस्क की कंपनी ‘एक्स’ के ‘ब्लू टिक’ मार्क भ्रामक हैं और कंपनी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पारदर्शिता और जवाबदेही के मानदंड को पूरा नहीं कर रही है। यूरोपीय संघ के नए सोशल मीडिया नियमन के प्रभावी होने के बाद से यह किसी प्रौद्योगिकी कंपनी के खिलाफ पहला आरोप है। यूरोपीय आयोग ने 27 देशों के समूह के डिजिटल सेवा अधिनियम के तहत एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) को लेकर अपनी जांच से प्रारंभिक निष्कर्षों को रेखांकित किया। डीएसए नामक नियम पुस्तिका नियमों का एक व्यापक संकलन है, जिसके तहत प्लेटफॉर्म को उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा और अपनी साइट को सुरक्षित करने के लिए अधिक जिम्मेदारी लेने की आवश्यकता होती है।
नियमों का पालन नहीं करने पर भारी जुर्माने का भी प्रावधान है। विनियामकों ने ‘एक्स’ के ‘ब्लू टिक’ को लेकर निशाना साधते हुए कहा कि वे ‘‘डार्क पैटर्न’’ का गठन करते हैं जो उद्योग के सर्वोत्तम तौर तरीकों के अनुरूप नहीं हैं और दुर्भावनापूर्ण तत्वों द्वारा उपयोगकर्ताओं को धोखा देने के लिए उपयोग किया जा सकता है। वर्ष 2022 में मस्क द्वारा ‘एक्स’ को खरीदने के बाद, इसने आठ डॉलर प्रति माह का भुगतान करने वाले किसी भी व्यक्ति को सत्यापन चिह्न जारी करना शुरू किया। मस्क द्वारा ‘एक्स’ की खरीद से पहले, वे सोशल मीडिया पर आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले सत्यापन बैज की तरह ही थे और बड़े पैमाने पर मशहूर हस्तियों, राजनेताओं और अन्य प्रभावशाली अकाउंट के लिए आरक्षित थे।
यूरोपीय आयुक्त थिएरी ब्रेटन ने एक बयान में कहा, ‘‘पहले ब्लू टिक का मतलब सूचना के भरोसेमंद स्रोत के रूप में देखा जाता था। अब एक्स को लेकर हमारा प्रारंभिक दृष्टिकोण यह है कि वे उपयोगकर्ताओं को धोखा देते हैं और डीएसए का उल्लंघन करते हैं।’’ यूरोपीय आयोग ने ‘एक्स’ पर विज्ञापन पारदर्शिता के मानदंडों का पालन न करने का भी आरोप लगाया। डीएसए के तहत प्लेटफॉर्म को अपने द्वारा प्रसारित सभी डिजिटल विज्ञापनों का डेटाबेस प्रकाशित करना होगा, जिसमें यह विवरण शामिल होगा कि उनके लिए किसने भुगतान किया और लक्षित दर्शक कौन हैं। आयोग ने कहा कि ‘एक्स’ के विज्ञापन डेटाबेस में ‘‘डिजाइन विशेषताएं और पहुंच संबंधी बाधाएं’’ हैं जो इसे ‘‘पारदर्शिता उद्देश्य के लिए अनुपयुक्त’’ बनाती हैं। आयोग ने कहा कि कंपनी डीएसए की अपेक्षा के अनुसार शोधकर्ताओं को सार्वजनिक डेटा तक पहुंच प्रदान करने में भी विफल रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button