ये कैसी लापरवाही है! लोनी गोल चक्कर पर जल्दबाजी के हादसे से टूटे कई परिवार

नई दिल्ली। ज्योति नगर के लोनी गोल चक्कर फ्लाईओवर पर हुए एक्सिडेंट में तीसरे मृतक की पहचान बरेली निवासी ओवैस (28) के रूप में हुई है। जीटीबी अस्पताल में पोस्टमॉर्टम के बाद ओवैस, जितेंद्र और सविता के शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। घायल 9 लोगों में से ड्राइवर शिव कुमार समेत तीन अभी आईसीयू में हैं। पुलिस ने लापरवाही से मौत (धारा 304ए) और मानव जीवन को संकट में डाल लापरवाही और जल्दबाजी में गाड़ी चलाने (धारा 279) के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस हादसे की वजह का पता लगा रही है।
क्लस्टर बस से भिड़ गई थी वैन
पुलिस अफसरों ने बताया कि तीसरे मृतक की पहचान हादसे वाली जगह पर मिले फोन से हो सकी। इसके जरिए बरेली पुलिस को सूचना दी गई, जिसने उनके परिजनों से गुरुवार देर रात एक बजे संपर्क किया। लोनी गोल चक्कर पर गुरुवार दोपहर आनंद विहार से खजूरी की तरफ से जा रही वैन डिवाइडर फांदकर भजनपुरा से नंद नगरी की तरफ से आ रही क्लस्टर बस से टकरा गई थी। इससे वैन सवार ड्राइवर समेत 12 लोग जख्मी हो गए थे, जिनमें से तीन की मौत हो गई थी। पुलिस अफसरों ने बताया कि हादसे की वजह का पता नहीं लग सका है। हर्ष विहार निवासी ड्राइवर शिवकुमार की हालत गंभीर है, जो आईसीयू में भर्ती हैं। ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठे ओवैस और जितेंद्र बाबू की मौत हो गई। पिछली सीट पर बैठी सवारियों को अचानक हुए हादसे की वजह का पता ही नहीं चला। इसलिए पुलिस ड्राइवर के ठीक होने का इंतजार कर रही है। पुलिस अफसरों ने कहा कि जांच के दौरान मुकदमे में कई और धाराएं जोड़ी जा सकती हैं, जिनमें प्राइवेट गाड़ी को कमर्शल तौर पर चलाने समेत मोटर वीकल एक्ट के तहत भी एक्शन हो सकता है।
भाई की शादी करवाकर लौट रहे थे
मृतक जितेंद्र बाबू के परिवार में पिता प्रेमपाल, मां ओमवती, भाई अजय, पत्नी विनीता, चार साल और आठ महीने के बेटे हैं। वह दिल्ली के गोकुलपुरी में एक सिलाई फैक्ट्री में काम करते थे। जितेंद्र डेढ़ महीने पहले छोटे भाई अजय की शादी में बरेली गए थे। वह गुरुवार को ट्रेन से आनंद विहार आए और यहां से वैन में सवार होकर घर जा रहे थे।
बरेली से आए थे सामान लेने
मृतक ओवैस के परिवार में पिता बाबू हुसैन, मां, दो बहने और एक छोटा भाई है। बरेली में उनका कपड़े की सिलाई का काम है। वह अक्सर बरेली से दिल्ली में कपड़ा और सिलाई का सामान खरीदने के लिए आते थे। गुरुवार को भी खजूरी में सामान खरीदने जा रहे थे। इसी दौरान यह हादसा हो गया। वह ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठे थे।
बुजुर्ग महिला पहली बार आईं थी दिल्ली
बुजुर्ग सविता बेटी-दामाद के साथ पहली बार दिल्ली घूमने आई थीं। सादतपुर निवासी निपुण चौधरी ने बताया कि पिछले साल बिहार में उनकी दादी की मौत हो गई थी। पिता नंद किशोर चौधरी, मां रीना और छोटा भाई सिद्धांत बरसी पर बिहार गए थे। नानी सविता कभी दिल्ली नहीं आई, तो मां के कहने पर वह दिल्ली घूमने आ रही थीं।

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