चिपियाना बुजुर्ग में सेट हो गया 2270 टन वजनी ट्रस ब्रिज, जल्द ही जनता के लिए खुल जाएगा
- दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर चिपियाना आरओबी सोमवार रात बियरिंग प्लेट पर सेट हो गया है
- डीएमई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि फिलहाल इसमें अभी कुछ काम बाकी है
- 16 लेन का आरओबी दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे की 14 लेन के लिए चिपियाना बुजुर्ग के पास रेल लाइन के ऊपर बन रहा है
गाजियाबाद ब्यूरो। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर चिपियाना आरओबी की 4 लेन पर रखे जाने वाले 2270 टन और 115 मीटर लंबाई का ट्रस ब्रिज दो दिन में ही अपने स्थान पर पहुंचा दिया गया है। सोमवार रात इसे बियरिंग प्लेट पर सेट किया जाना था। इसे सेट कर दिया गया है। अब इसके बाद अस्थायी लॉन्चिंग पैड को हटाया जाएगा। इसे एशिया का सबसे भारी गर्डर बताया जा रहा है।दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (डीएमई) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर अरविंद कुमार का कहना है कि फिलहाल इसमें अभी कुछ काम बाकी है इसलिए इसे जनता के लिए नहीं खोला जा रहा है लेकिन हम यह कह सकते हैं कि जल्द ही इसे जनता के लिए खोल दिया जाएगा। यह 16 लेन का आरओबी दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे की 14 लेन के लिए चिपियाना बुजुर्ग के पास रेल लाइन के ऊपर बन रहा है।
दिल्ली-डासना मार्ग पर अंतिम 4 लेन पर ट्रस ब्रिज रख दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि लॉन्चिंग के साथ ही जटिल तकनीकी काम लगभग पूरा हो गया है और अब कोई अड़चन नहीं आएगी। इसके बाद अब इन चार लेन पर 15 अगस्त तक आवाजाही शुरू कर दी जाएगी। चार लेन का काम पूरा होने के बाद यहां लगने वाला जाम खत्म हो जाएगा।
2385 टन का है यह गर्डर
चिपियाना बुजुर्ग आरओबी पर रखे जाने वाले गर्डर का वजन 2385 टन है। इसकी लंबाई 115 मीटर है, जबकि चौड़ाई 21 मीटर और ऊंचाई 13 मीटर है। इसमें 1 लाख 17 हजार से अधिक बोल्ट लगे हुए हैं। वजन अधिक होने की वजह से इसे बहुत धीमी गति से स्थापित किया जा रहा है। जिससे किसी तरह की कोई समस्या पैदा न हो।
मेरठ जाना हो जाएगा आसान
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे का छहों लेन खुल जाने के बाद मेरठ जाना आसान हो जाएगा। छहों लेन में गाड़ियां चलने से वाहनों का दबाव कम होगा। इससे दिल्ली से मेरठ तक की यात्रा का समय भी घटेगा। स्वतंत्रता दिवस के दिन से इस एक्सप्रेसवे के पूरी तरह से शुरू करने की तैयारी से लोगों को काफी राहत मिल जाएगी।