काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह तक नहीं जाएगी पूजन सामग्री, हर भक्त को मिलेगा प्रसाद

वाराणसी,(उत्तर प्रदेश)।महाशिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के दर तक भक्त अपने हाथ से पूजन सामग्री बाबा के गर्भगृह में अर्पित नहीं कर पाएंगे। हालांकि पात्र में जल और दूध ले जाने की अनुमति होगी। झांकी दर्शन के साथ ही शिवरात्रि के लिए मंदिर में नई व्यवस्था लागू रहेगी।माला, फूल सहित अन्य पूजन सामग्री के लिए मंदिर के चारों प्रवेश द्वार पर बड़े पात्र रखे जाएंगे। दर्शन से पहले भक्तों को इन्हीं पात्र में पूजन सामग्री अर्पित करनी होगी। दर्शन कर निकलने वाले हर भक्त को बाबा के निर्माल्य को प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा।

भक्तों की सहूलियत के लिए व्यवस्था में बदलाव
महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रशासन तैयारी में जुट गया है। दरअसल, बाबा को चढ़ने वाली पूजन सामग्री को निर्माल्य को निकालने में सफाई में समस्या के साथ ही फर्श के गीला होने की आशंका है। इससे मंदिर परिसर में मौजूद भक्तों की सहूलियत के लिए व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। मंदिर के प्रवेश द्वार से श्रद्धालु केवल पात्र में जल या दूध लेकर ही अंदर जा सकेंगे और यह मंदिर के बाहर लगे पात्र में अर्पित किया जा सकेगा। भक्तों की पूजन सामग्री को प्रसाद के रूप में ही प्रवेश द्वार से वितरित किया जाएगा।मंडलायुक्त दीपक अग्रवाल ने कहा कि  महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए पूजन सामग्री को बाबा के गर्भग़ृह तक नहीं ले जाने का निर्णय लिया गया है। भक्तों की पूजन सामग्री को महादेव को अर्पित कराने के बाद उसे प्रसाद के रूप में वितरित किया जाएगा। श्रद्धालुओं की मौजूदगी में काशी विश्वनाथ धाम को चमकाने के लिए 50 से ज्यादा सफाई टीमें गठित की जाएंगी। यह टीम हर आधे घंटे पर निर्धारित स्थानों की सफाई करती रहेगी। ताकि निर्माल्य या किसी अन्य चीजों से भक्तों को असुविधा नहीं हो। काशी विश्वनाथ धाम में बने कंट्रोल रूम से पूरे परिक्षेत्र की निगरानी कराई जाएगी। यहां से सुरक्षाकर्मी ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को निर्देश देते रहेंगे और भीड़ नियंत्रण के लिए भी समय-समय पर जानकारी साझा करते रहेंगे।

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