70 साल के मरीज के पेट से निकले 8125 पथरी, एक घंटे चला ऑपरेशन
8125 stones were removed from the stomach of a 70-year-old patient, operation lasted for one hour
नई दिल्ली। डॉक्टरों ने एक दुर्लभ सर्जरी कर 70 वर्षीय मरीज के पित्ताशय से 8,125 पथरी निकाले। डॉक्टर का दावा है कि यह सबसे ज्यादा पथरी निकाले का मामला है। मरीज कई वर्षों से पेट के दर्द, बीच-बीच में बुखार आने, भूख न लगने और कमजोरी की शिकायत से परेशान था। उन्हें सीने में भी भारीपन महसूस हो रहा था।
दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम के दौरान डॉ. अमित जावेद और डॉ. नरोला येंगर ने बताया कि करीब घंटे भर चली सर्जरी के दौरान मरीज के पेट में पित्ताशय की थैली से पथरी निकालकर उनकी वर्षों पुरानी तकलीफ को दूर किया।
समस्या गंभीर होने पर उसे निजी अस्पताल लाया गया। यहां भर्ती करवाने पर उनके पेट का तत्काल अल्ट्रासाउंड किया गया जिसमें उनके पित्ताशय में काफी भारीपन दिखायी दिया। उनकी कंडीशन को देखते हुए, डॉक्टरों ने तुरंत मिनीमली इन्वेसिव लैपरोस्कोपिक सर्जरी कर गॉल ब्लैडर (पित्ताशय की थैली) में जमा हजारों गॉलस्टोन्स को निकाला। यह सर्जरी करीब एक घंटे चली और दो दिन बाद ही स्थिर अवस्था में मरीज को अस्पताल से छुट्टी भी दे दी गई।
लेकिन, सर्जरी के बाद और भी लंबा काम बाकी था क्योंकि सपोर्ट टीम को मरीज के पित्ताशय से निकाले गए गॉलस्टोन्स की गिनती करनी थी। सर्जरी के बाद घंटों बैठकर टीम ने इस गिनती में पाया कि यह आंकड़ा आश्चर्यजनक रूप से 8,125 था। डॉ. अमित जावेद ने कहा कि यह दुर्लभ मामला है। यदि पित्ताशय की पथरी का उपचार नहीं किया जाए, तो धीरे-धीरे पथरी बढ़ती रहती है।
इस मामले में, मरीज द्वारा पिछले कई वर्षों तक उपेक्षा का ही नतीजा था कि पथरी इस हद तक बढ़ गई थी। यदि अब और देरी की जाती, तो मरीज की हालत काफी बिगड़ सकती थी और पित्ताशय में इंफेक्शन, पेट दर्द की और गंभीर शिकायत भी हो सकती थी। ऐसे में भी इलाज न कराया जाए तो गॉलब्लैडर में पस (मवाद) बनने लगता है और गॉलब्लैडर की भीतरी सतह भी सख्त होने लगती है और इसमें फाइब्रॉसिस भी हो सकता है।