नया बाबा- नया दरबार, मंत्र से लंबाई बढ़ाने वाला चमत्कार! क्यों दर्ज हुई एफआईआर, क्या है कानपुर के संतोष सिंह भदौरिया की कहानी?

New Baba - New Darbar, Height Increasing Miracle with Mantra! Why was the FIR registered, what is the story of Santosh Singh Bhadoria of Kanpur?

संतोष सिंह भदौरिया उर्फ करौली बाबा का नाम इन दिनों खूब चर्चा में है। करौली बाबा पर आरोप है कि उनके चेलों ने नोएडा के डॉक्टरों पर हमला कर दिया। हमले में डॉक्टर बुरी तरह से घायल हो गए। व्यक्ति ने कहा कि पिटाई का कारण यह था कि उसने करौली बाबा के मंत्रोच्चारण से तुरंत लाभ नहीं होने की शिकायत की थी। पेशे से डॉक्टर और करौली बाबा के भक्त सिद्धार्थ चौधरी ने कानपुर के बिधनू थाने में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें दावा किया गया है कि वह यूट्यूब पर संतोष भदौरिया के वीडियो देखा करते थे और उनसे प्रभावित थे। वह अपने पिता और पत्नी के साथ नोएडा से अपने आश्रम गए थे। और वहां करौली बाबा के अनुयाइयों द्वारा मारपीट की गई।

कौन हैं करौली बाबा

उत्तर प्रदेश के उन्नाव के रहने वाले संतोष सिंह भदौरिया को किसान आंदोलन के दौरान लोकप्रियता मिली। किसान यूनियन के नेता संतराम सिंह की हत्या के बाद किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत ने कानपुर के सरसोल इलाके की बागडोर संतोष सिंह भदौरिया को सौंप दी थी, जिनका मई 2011 में निधन हो गया था। जनवरी 2021 में महेंद्र सिंह टिकैत के दो बेटों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें नरेश टिकैत बीकेयू के प्रमुख थे और राकेश टिकैत इसके प्रवक्ता थे। एक ही समय में पुलिस के साथ झड़प की कई घटनाएं सामने आईं, जिसके बाद कई किसानों को गिरफ्तार किया गया। धीरे-धीरे संतोष सिंह भदौरिया किसानों के बीच एक लोकप्रिय नाम बन गए। संतोष सिंह भदौरिया को यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल से निकटता के कारण भी प्रसिद्धि मिली। बाद में उन्होंने कोयला निगम के अध्यक्ष का पद संभाला और कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा सवाल उठाए जाने के बाद उन्हें हटा दिया गया। बाद में भदौरिया ने करौली आश्रम का निर्माण कराया। भदौरिया ने अपने तंत्र-मंत्र का प्रचार करने के लिए यूट्यूब का सहारा लिया, जिससे उन्हें पैसे मिलते थे। तीन साल में भदौरिया ने करोड़ों रुपये का साम्राज्य खड़ा कर दिया।दावा तो ये है कि बाबा करौली उर्फ संतोष सिंह भदौरिया एक ही झटके में लंबाई तक बढ़ा देते हैं।

करौली बाबा के खिलाफ मामले

उनके खिलाफ 1992-95 के बीच हत्या और सीएलए के सेवन समेत कई आपराधिक मामले दर्ज थे। माना जाता है कि जमीन के भूखंडों पर अवैध रूप से कब्जा करने से पहले पुलिस से बचने के लिए संतोष भदौरिया किसान नेता बन गए। उन पर कोतवाली थाना क्षेत्र में चर्च की जमीन पर अवैध कब्जा करने का आरोप है।14 अगस्त 1994 को तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश सिंह के आदेश पर संतोष भदौरिया के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की गई। संतोष भदौरिया ने एनएसए के आरोपों को हटाने के लिए गृह सचिव को एक पत्र भी भेजा था, जिसमें दावा किया गया था कि वह 1989 से किसान यूनियन में कार्यकर्ता हैं।

Get real time updates directly on you device, subscribe now.

शयद आपको भी ये अच्छा लगे
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा।