पैरों पर छाले लिए 6 दिन से पैदल यात्रा करने वाले किसानों ने सरकार को झुकाया,श‍िंदे सरकार ने मानी 70 फीसदी मांगें

Farmers walking for 6 days with blisters on their feet bowed down to the government, Shinde government accepted 70 percent of their demands

मुंबई ब्यूरो। कृषि उपज का उचित मूल्य दिलाने और मजदूरों की समस्याओं के समाधान के लिए मुंबई की ओर आ रही किसान लॉन्ग मार्च की लाल आंधी आखिरकार थम गई है। किसानों का लंबा मार्च ठाणे जिले के शहापुर पहुंचा था। यह लॉन्ग मार्च अगले कुछ घंटों में मुंबई से टकरा जाता। हालांकि, इस लॉन्ग मार्च को स्थगित करने का निर्णय लिया गया क्योंकि इससे पहले राज्य सरकार और किसान प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा की और एक समाधान पर पहुंचे। किसान नेता जे पी गावित ने कहा क‍ि राज्य सरकार ने हमारी 70 प्रतिशत मांगों को मान लिया है। ऐसी जानकारी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी विधानसभा में दी है। किसान नेता ने बताया कि हम आंदोलन स्थगित कर रहे हैं।

किसान सभा का यह लंबा मार्च नासिक के डिंडोरी से मुंबई की ओर शुरू हुआ। पांच दिन चलने के बाद मजदूरों और किसानों का यह जत्था शहापुर पहुंचा था। अगले कुछ घंटों में यह लॉन्ग मार्च विधान भवन के पास जाने वाला था। हालांकि, इससे पहले ही सरकार और किसानों के प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक सफल रही। इसलिए लॉन्ग मार्च को स्थगित करने का निर्णय लिया गया। अब इन सभी किसानों की घर वापसी के लिए विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है। किसान नेता जेपी गावित ने प्रेस कांफ्रेंस में बताया क‍ि राज्य सरकार ने उनकी 70 प्रतिशत मांगें मान ली हैं। उत्पादन लागत के आधार पर प्याज के लिए न्यूनतम समर्थन 2 हजार रुपये तय करने और लाल प्याज के लिए 500 से 600 रुपये की सब्सिडी की घोषणा करने, वन भूमि, देवस्थान और गैरान भूमि के अयोग्य दावों को मंजूरी देने जैसी अलग-अलग मांगें की गईं।

सीपीएम के विधायक विनोद निकाले ने बताया कि किसानों की सभी मांगों पर राज्य विधायिका में विचार किया गया और जमीनी स्तर के अधिकारियों को सरकारी आदेशों के क्रियान्वयन का आदेश मिल गया है। हालांकि किसानों की यह जीत इतनी आसान नहीं थी। उन्हें काफी दर्द और पीड़ा झेलनी पड़ी।जेपी गावित ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘जो सरकार और पुलिस हमें शुरू में मार कर भगाने का प्रयास कर रही थी। बाद में वही पुलिस हमारी संख्या और संघर्ष की ताकत को देखते हुए सरकार का संदेश लेकर हमारे पास आई। पुलिस ने हमे कहा कि आप पैदल मत चलिए सरकार आपसे बात करना चाहती है। इसके बाद सरकार ने भी हमारी मांगें मान ली हैं जिसके लिए हम उसका धन्यवाद करते हैं।’

नासिक से भी सरकार प्रदर्शनकारियों से लगातार संपर्क में थी, दोनों तरफ से बातचीत चल रही थी। हालांकि, पिछले पांच दिनों में कोई समाधान नहीं हुआ। गाव‍ित ने बताया क‍ि आखिरकार आज की मीटिंग सफल रही। हमने कुल 17 मांगें की थीं, जिनमें से कुछ पर सकारात्मक चर्चा हुई। कुछ मांगों को एक माह बाद लागू किया जाएगा। कुछ मांगें केंद्र सरकार से संबंधित हैं और केंद्र सरकार को भेजी जाएंगी। जेपी ने बताया कि इन मांगों को आगे बढ़ाने के लिए कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया है।उधर पैदल मार्च के दौरान शनिवार को नासिक में डिंडोरी के पास के एक गांव के रहने वाले 58 साल के किसान पुंडलिक अंबो जाधव की मौत हो गई। जाधव की मौत के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मृत किसान के घरवालों को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।

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