15 दिन में शुरू होगा वैशाली से आनंद विहार तक की सुरंग का काम, टनल की खोदाई के लिए तैयारियां तेज
गाजियाबाद ब्यूरो। दुहाई डिपो में पहली रैपिड रेल पहुंच जाने के बाद ट्रैक बिछाने के साथ ही सुरंग (टनल) की खोदाई के लिए तैयारियां तेज हो गई हैं। वैशाली से आनंद विहार तक की दो किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंग की खोदाई अगले 15 दिनों के भीतर ही शुरू कर दी जाएगी। इसके लिए 90 मीटर लंबी विशालकाय टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) सुदर्शन को तैयार किया गया है। मशीन हिस्सों में लाई गई थी, इन्हें जोड़ लिया गया है। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के इंजीनियरों और कर्मचारियों की टीम इसे बड़ी कामयाबी मान रही है। टीबीएम को पहले लंबी प्रक्रिया के तहत बड़े शाफ्ट (गड्ढे) में उतारा गया। फिर शॉफ्ट में ही टनल रिंग की सात श्रेणियों को जोड़ने (असेंबल करने) का काम पूरा किया गया। अब परीक्षण करके देखा जा रहा है कि मशीन ठीक से काम कर रही है या नहीं। परीक्षण पूरा होते ही खोदाई शुरु कर दी जाएगी। सुरंग की खोदाई में तीन से चार महीने का समय लगने का अनुमान है। इस सुरंग से होकर रेल को जून 2024 में गुजरना है। यह सुरंग साहिबाबाद से सराय काले खां के रूट के बीच में है। यहां रैपिड रेल तीसरे चरण में चलाई जानी है।रैपिड रेल के लिए दो जगह सुरंग की खोदाई पहले से चल रही है। एक मेरठ शहर में खोदी जा रही है। दूसरी आनंद विहार से न्यू अशोक नगर, नई दिल्ली तक। यह तीन किलोमीटर लंबी है। एनसीआरटीसी के सीपीआरओ पुनीत वत्स का कहना है कि दोनों सुरंग की खोदाई तेजी से की जा रही है।
आपातकालीन निकास के साथ होगा अतिरिक्त वॉकवे
रैपिड के भूमिगत भाग में ट्रेनों के आने जाने केलिए अलग-अगल जुड़वां सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। ट्रेनों के आवागमन के लिए अलग सुरंग होने से सुरक्षा उपायों को आसानी से लागू किया जा सकेगा। भूमिगत सुरंग में यात्रियों की सुरक्षा के लिए आपातकालीन निकास के हर 250 मीटर पर प्रबंधन किया गया है। सुरंग का डिजाइन 100 साल की अवधि वाला होगा।
सात दिन में जोड़े जाएंगे रेल के कोच
गुजरात के सांवली प्लांट से दुहाई डिपो लाए गए रैपिड रेल के कोच को अभी जोड़ा नहीं गया है। फिलहाल ट्रैक का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके पूरा हो जाने के बाद सभी छह कोच को आपस में जोड़ा जाएगा। यह काम अगले सात दिन में किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।