महाराष्ट्र में हवा में जलता पदार्थ चीनी रॉकेट तो नहीं, इसरो के अधिकारियों ने जाहिर की आशंका

चंद्रपुर। विदर्भ, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में शनिवार रात आसमान पर दिखी एक रहस्यमयी चमकीली रोशनी चर्चा का विषय बनी हुई है। माना जा रहा है यह रोशनी चीनी रॉकेट के मलबे के कारण हो सकती है। शनिवार शाम को ही चंद्रपुर जिले के सिन्देवाही तहसील लडबोरी और पवनपर गांव में मेटल के छल्ले जैसा दो पदार्थ मिले जिससे ग्रामीणों में दहशत फैल गई। चंद्रपुर जिले के कलेक्टर अजय गुलहने ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को इन दोनों वस्तुओं को कस्टडी में लेने को कहा गया है। इसरो अधिकारियों का कहना है कि यूएसस्पेसकॉम  के अलर्ट के तहत शनिवार को धरती के वायुमंडल में चार स्पेस ऑब्जेक्ट के मलबे के पुनर्प्रवेश की आशंका व्यक्त की गई थी।
चार ऑब्जेक्ट के धरती में प्रवेश करने की आशंका व्यक्त की गई थी
ये चार ऑब्जेक्ट- CZ-3B R/B (लॉन्ग मार्च लॉन्च वीइकल से निकला चाइनीज रॉकेट बॉडी), स्टारलिंक 1831 और कॉसमॉस- इरिडियम सैटलाइट कोलाइजन के मलबे से निकले दो छोटे ऑब्जेक्ट बताए गए। स्टारलिंक 1831 के दक्षिण अटलांटिक महासागर में एक प्रभाव स्थान के साथ 1 बजकर 41 मिनट पर पुनर्प्रवेश करने की संभावना व्यक्त की गई थी। जबकि कॉसमॉस 1408 और इरिडियम 33 का भारत के ऊपर से गुजरने का फाइनल ग्राउंड ट्रैक नहीं था।
अधिकारियों ने बताया कि अक्षांश-देशांतर विश्लेषण में छोटी सी चूक का मतलब ऑब्जेक्ट को स्पॉट करने और उसके लैंडिंग में 10 किमी का अंतर हो सकता है। ये ऑब्जेक्ट संभवत लॉन्ग मार्च रॉकेट के हो सकते हैं जो कि चीनी रॉकेट है।
आसमान से गिरी रिंग, डर के मारे लोग घरों में दुबके
लडबोरी गांव में मिली 10X10 फीट बड़ी मेटल रिंग शनिवार शाम करीब पौने 8 बजे गिरी। एक महिला ने बताया, ‘हम एक दावत की तैयारी कर रहे थे, तभी आकाश में लाल रंग की तेज चमक वाली तश्तरी दिखी और तेज आवाज के साथ खुले प्लॉट में गिर घई। लोग विस्फोट के डर से अपने-अपने घर को भाग गए और करीब आधे घंटे तक अंदर बंद रहे।’
इसरो के दूसरे अधिकारी ने बताया, ‘कई बार जब रॉकेट की बॉडी वायुमंडलीय पुनर्प्रवेश से बच जाते हैं तो उसके हिस्से जैसे नोजल, रिंग और टैंक धरती पर असर डाल सकते हैं।’ ग्रामीणों के अनुसार, ‘जलती हुई 40 किलो वजनी रिंग एक घर से महज कुछ ही फीट की दूरी पर गिरी, इससे एक परिवार बाल-बाल बच गया।’ बाद में सिन्देवाही पुलिस उस रिंग को थाने लेकर गई। स्काई वॉच ग्रुप के प्रेजिडेंट सुरेश चोपने ने मलबा देखने के लिए पुलिस थानों का दौरा किया। उन्होंने बताया, ‘जो दूसरा ऑब्जेक्ट मिला है एक बड़ी मेटालिक बॉल, वह गांव के एक सूखे तालाब में गिरी। ग्रामीणों ने उस बॉल को निकाला जिसका वजन करीब 10 किलो रहा होगा।’
चोपने के अनुसार, ‘मेटालिक बॉल हाइड्रोजन ईधन से भऱी एक डिवाइस जैसी मालूम हो रही है जो सैटलाइट लॉन्च के लिए इस्तेमाल की जाती है।’ चोपने ने बताया, ‘हालांकि उसमें हाइड्रोजन मौजूद नहीं था क्योंकि धरती से टकराने के बाद यह चटक गई थी। चोपने ने कहा कि उन्होंने गोले में लिखे सीरियल नंबर को नोट कर लिया है जो निरीक्षण करने वाले वैज्ञानिक को उपलब्ध कराएंगे।’
इसरो के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘USSPACECOM की नवीनतम कक्षीय जानकारी के अनुसार, भारत में प्रवेश करने वाला ऑब्जेक्ट चीनी रॉकेट CZ-3B का हिस्सा लग रहा है जो चार साल पहले फरवरी में लॉन्च हुआ था।’

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