यूपी के फतेहपुर जिले में बिना प्रदूषण प्रमाण पत्र संचालित हो रहे 342 सरकारी वाहन
कृषि विभाग की जर्जर जीप
फतेहपुर ब्यूरो। सड़क सुरक्षा अभियान के तहत एक ओर जहां आम जनता को यातायात नियमों का पालन कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सरकारी वाहन नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। ऐसे 342 सरकारी वाहन चििन्हित किए गए गए हैं, जिनका प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है।
हैरत की बात तो यह है कि इन वाहनों पर चलने वाले अधिकारियों और कर्मियों को भी नहीं मालूम कि वाहनों के कागजात अधूरे हैं। परिवहन आयुक्त के निर्देश पर एआरटीओ प्रशासन के जरिए जिलाधिकारी ने सभी विभागाध्यक्षों को नोटिसें जारी की है। एआरटीओ दफ्तर के आंकड़ों के मुताबिक जिले के सरकारी विभागों में कुल 393 वाहन पंजीकृत हैं। इनमें एंबुलेंस से लेकर, पुलिस और प्रशासन की सभी गाड़ियां शामिल हैं। इनमें से 342 वाहनों में प्रदूषण प्रमाण पत्र नहीं है। सिर्फ 51 सरकारी वाहनों का प्रदूषण प्रमाण पत्र बना हुआ है।
जिलाधिकारी अपूर्वा दुबे ने सभी विभागाध्यक्षों को नोटिस देकर 15 दिन का समय दिया है ताकि सभी सरकारी वाहनों के प्रदूषण प्रमाण पत्र बनाए जा सकें। इसी कड़ी में 282 स्कूली वाहन ऐसे चिन्ह्ति किए गए हैं, जो बिना फिटनेस प्रमाण पत्र के संचालित हो रहे हैं। इसके अतिरिक्त तमाम ऐसे वाहन भी जांच में सामने आए हैं, जो स्कूलो में निजी पर संबद्घ हैं और उनके कागज अधूरे हैं। डीएम ने ऐसे सभी ई-रिक्शा, ऑटो, टैक्सी और मिनी बस और मैजिक के प्रपत्रों की कानूनी वैधता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। एआरटीओ अरविंद त्रिवेदी ने बताया कि जनपद में 650 से अधिक स्कूली वाहन पंजीकृत हैं। जिनमें से 282 वाहनों स्कूली वाहनों को 15 दिन पूर्व नोटिस देकर फिटनेस और बीमा पूरा कराने की चेतावनी दी गई थी। मगर स्कूल प्रबंधनों ने इस दिशा में काम नहीं किया। अब ऐसे सभी वाहनों का पंजीकरण निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। जिलाधिकारी ने बताया कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 53 (ए) के तहत नोटिस देने के बाद भी कागजात पूरे न करने पर सरकारी वाहनों का पंजीकरण निरस्त किया जाएगा।