वसूली के डर से राशन कार्ड सरेंडर करने दौड़े चले आ रहे लोग

गाजियाबाद। पात्रता की सरकारी शर्तों पर खरा न उतरने पर मुफ्त का राशन पाने वालों से वसूली किए जाने के फरमान का ऐसा डर फैला है कि लोग राशन कार्ड सरेंडर करने के लिए दौड़े चले आ रहे हैं। महज 15 दिन के भीतर ही 6500 लोगों ने जमा करा दिए हैं। इस पर मुफ्त राशन योजना को सरकार का चुनावी हथकंडा बताकर विपक्ष के नेताओं ने हल्ला मचाया तो शासन स्तर से सफाई दे दी गई कि न तो राशन कार्ड निरस्त होंगे न ही किसी से वसूली होगी। महीने भर से सख्ती दिखा रहे स्थानीय अफसरों के तेवर और सुर भी अब नरम पड़ गए हैं लेकिन 24 रुपये प्रति किलो की दर से गेहूं और 32 की दर से चावल की वसूली का डर लोगों के मन में इस कदर समाया है कि निकलने का नाम ही नहीं ले रहा है। सोमवार को भी राशन कार्ड सरेंडर करने वालों की लाइन लगी रही। गांवों में तो हर चौपाल पर यही चर्चा हो रही है कि अगर राशन कार्ड सरेंडर नहीं किया तो बहुत भारी पड़ सकता है। यह इसलिए है क्योंकि जिला पूर्ति विभाग के अफसर ही चार दिन पहले तक इसकी चेतावनी दे रहे थे। उन्होंने कहा था कि पूरे जिले में सर्वे कराया जाएगा। जिन अपात्र लोगों के पास राशन कार्ड मिलेगा, उनसे वसूली की जाएगी। अगर सर्वे से पहले राशन कार्ड सरेंडर कर दिया तो कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसी से शहर से लेकर देहात तक डर फैल गया। सोमवार को जिला पूर्ति कार्यालय पर 250 लोग राशन कार्ड जमा करने पहुंचे।

19 मई के बयान में जिला पूर्ति अधिकारी डॉ. सीमा ने 18 मई को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि अंत्योदय के राशन कार्ड लाभार्थी व ऐसे समस्त परिवार जिनके पास मोटरसाइकिल, पक्का मकान, कृषि योग्य भूमि, रंगीन टीवी और कोई निश्चिति व्यवसाय आदि है, वे राशन कार्ड के लिए अपात्र हैं। अपात्र परिवार सात दिन में राशन कार्ड समर्पित कर दें, अन्यथा जब से परिवार खाद्यान्न ले रहा है, तब से 24 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से गेहूं 32 की दर से चावल और चीनी, खाद्य तेल, नमक, चना नमक की वसूली बजार दर से की जाएगी। साथ ही वैधानिक कार्रवाई भी की जाएगी। 21 मई को कहा कि संशोधित शासनादेश के तहत ही कार्रवाई की जाएगी। इसमें वसूली का प्रावधान नहीं है। जो लोग सत्यापन के दौरान अपात्र पाए जाएंगे, उनके राशन कार्ड ही निरस्त होंगे। अभियान चलाकर सत्यापन कराया जाएगा। आयकर दाता हो, घर में एसी, चार पहिया वाहन, ट्रैक्टर या हार्वेस्टर हो, एक से अधिक शस्त्र लाइसेंस हों, पांच एकड़ से अधिक सिंचित भूमि हो, पांच केवीए या अधिक क्षमता का जेनरेटर हो, परिवार की सालाना आय गांव में दो लाख, शहर में तीन लाख हो ये लोग अपात्र होंगे ।

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