घर में पूर्वजों की तस्वीर लगाने से पहले जान लें ये नियम वरना हो छिन जाएंगी सारी खुशियाँ

अक्सर घरों में पितर-पूर्वजों की तस्वीर लगी होती है जिससे उनका आशीर्वाद परिवार पर हमेशा बना रहे। घर में किसी बड़े-बूढ़े के देहांत के बाद हम घर में उनकी तस्वीर लगा कर उन्हें याद करते हैं। लेकिन घर में पूर्वजों की तस्वीर लगाने से पहले कुछ बातों को जान लेना बहुत जरूरी है। वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि पूर्वजों की तस्वीर गलत दिशा या गलत स्थान पर लगी हो तो इससे सुख-समृद्धि में हानि होती है और जीवन में कई कष्टों का सामना करना पड़ता है। वास्तुशास्त्र में घर में पूर्वजों की तस्वीर लगाने को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं जिनका पालन करने से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा और जीवन में सुख-शांति बनी रहेगी। आज के इस लेख में हम आपको घर में पूर्वजों की तस्वीर लगाने से जुड़े कुछ वास्तु नियमों की जानकारी देंगे –

वास्तुशास्त्र केअनुसार पितरों की तस्वीर को घर के मंदिर में या देवी-देवताओं की तस्वीर के साथ रखना वर्जित माना गया है। शास्त्रों के मुताबिक ऐसा करने से देवता रुष्ट हो जाते हैं और देवदोष लगता है।

वास्तशास्त्र में कहा गया है कि घर में पूर्वजों की ज्यादा तस्वीरें नहीं लगानी चाहिए। इससे घर में नकारात्मकता आती है और परिवार की सुख-समृद्धि में हानि होती है।

वास्तुशास्त्र के मुताबिक पूर्वजों की तस्वीर को कभी भी लटका कर नहीं रखना चाहिए। तस्वीर को रखने के लिए लकड़ी के स्टैंड का इस्तेमाल करें। शास्त्रों के अनुसार पूर्वजों की तस्वीर लटकटी या झूलती हुई नहीं होनी चाहिए, यह अशुभ माना जाता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूर्वजों की तस्वीर को कभी भी घर के जीवित लोगों की तस्वीरों के साथ नहीं लगाना चाहिए। माना जाता है कि अगर किसी जीवित व्यक्ति के साथ पितरों की तस्वीर लगी हो तो उसकी आयु कम होती है। इसके साथ ही ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है और उसे कई संकटों का सामना करना पड़ता है।

वास्तुशास्त्र केअनुसार ड्रॉइंग रूम, बेडरूम या किचन में पूर्वजों की तस्वीर लगाना अशुभ माना गया है। इससे पितरों का अपमान होता है और पारिवारिक कलह बढ़ती है। ऐसा करने से धन-हानि होती है और जीवन की सुख-शांति भंग होती है।

शास्त्रों में बताया गया है कि पूर्वजों की तस्वीर कभी भी दक्षिण या पश्चिम की दीवारों पर नहीं लगानी चाहिए। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि में कमी आती है।

शास्त्रों के मुताबिक पूर्वजों की तस्वीर को कभी भी ऐसे स्थान पर नहीं लगानी चाहिए जहाँ से आते-जाते लोगों की नज़र तस्वीर पर पड़े। इसे शुभ नहीं माना जाता है और इससे नकारात्मकता आती है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार पूर्वजों की तस्वीर हमेशा उत्तर दिशा की दीवारों पर ही लगानी चाहिए ताकि उनकी दृष्टि दक्षिण की ओर रहे। शास्त्रों में दक्षिण दिशा को यम और पितरों की दिशा माना गया है। इससे अकाल मृत्यु और संकट से बचाव होता है।

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