सत्ता से बेदखल इमरान, शहबाज शरीफ को नया प्रधानमंत्री चुना
इस्लामाबाद। इमरान खान के सत्ता से बेदखल होने के बाद शहबाज शरीफ को नया प्रधानमंत्री चुन लिया गया है। आपको बता दें कि नेशनल असेंबली ने शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री चुन लिया है। डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के इस्तीफे के बाद पीएमएल-एन नेता अयाज सादिक ने ऐलान किया कि शहबाज शरीफ को 174 वोट मिले हैं। इसी के साथ ही शहबाज शरीफ पाकिस्तान के 23वें प्रधानमंत्री बन गए। राष्ट्रपति आरिफ अल्वी रात 8 बजे शहबाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाएंगे। नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि आज पाकिस्तान और देश के 22 करोड़ लोगों को बचाया गया है। यह पहली बार है जब अविश्वास प्रस्ताव का वोट सफलतापूर्वक पारित हुआ है। इस देश के लोग इस दिन को मनाएंगे। वहीं उन्होंने अमेरिका की साजिशों के संबंध में कहा कि अगर इस मामले में हमारी थोड़ी सी भी भागीदारी साबित हो जाए तो मैं खुद यहां से इस्तीफा देकर घर चला जाऊंगा। चुनाव से पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों ने नेशनल असेंबली से सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया और पूर्व विदेश मंत्री और प्रधानमंत्री पद के लिए पीटीआई उम्मीदवार शाह महमूद कुरैशी के भाषण के बाद नेशनल असेंबली से बाहर चले गए। इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने संसदीय दल के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर सदन की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था। इमरान खान ने कहा कि वह चोरों के साथ नेशनल असेंबली में नहीं बैठेंगे।
पाक का सियासी ड्रामा
आखिरी गेंद तक बल्लेबाजी करने की बात करने वाले इमरान खान ने पाकिस्तान की जगहंसाई कराई। नेशनल असेंबली में 3 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी लेकिन डिप्टी स्पीकर ने अनुच्छेद 5 का हवाला देते हुए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया और फिर इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने असेंबली को भंग कर दिया और पाकिस्तान चुनावों की तरफ बढ़ गया। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पांच जजों की बेंच का गठन किया और मामले की सुनवाई की और स्पष्ट कर दिया कि डिप्टी स्पीकर का फैसला असंवैधानिक था। ऐसे में नेशनल असेंबली फिर से बहाल हो गई। 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होना था लेकिन स्पीकर ने मतदान कराने से इनकार कर दिया। ड्रामा देर रात तक चला और मुख्य सचिव के समझाने के बाद स्पीकर ने पद से इस्तीफा दे दिया। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली के बाहर भीड़ एकजुट हो गई। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए और फिर पीटीआई सांसदों ने मतदान का बहिष्कार किया और अंतत: इमरान खान बहुमत खो बैठे।