बेवजह इधर-उधर नहीं घूम सकेंगे कैदी, सभी जेलों में लागू होगा ‘कलर कोड गेट पास’

नई दिल्‍ली। तिहाड़ जेल में कैदियों के लिए शुरू किए गए ‘कलर कोड गेट पास‘ सिस्टम का ट्रायल कामयाब होने के बाद अब इसे तिहाड़, रोहिणी और मंडोली की तमाम 16 जेलों में लागू किया जाएगा। उम्मीद है कि अगले महीने के मध्य तक इसे तीनों जेलों में शुरू कर दिया जाएगा। इससे जेलों के अंदर कैदियों की मनचाही मूवमेंट पर लगाम लगेंगी। जेल अफसरों को यह पता लगाने में भी आसानी होगी कि अपने वार्ड या सेल से बाहर आए कैदी को जेल के अंदर कहां जाता है।
तिहाड़ जेल प्रशासन ने बताया कि तिहाड़ जेल के इतिहास में पहली बार कैदियों के लिए ‘कलर कोड गेट पास’ सिस्टम लागू किया जा रहा है। 20 मार्च से इसका ट्रायल तिहाड़ की नौ जेलों में से एक जेल नंबर-7 में किया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा यह ट्रायल कामयाब रहा है। इससे बाद अब इस सिस्टम को बाकी जेलों में लागू किया जा रहा है। पहले इस सिस्टम को 4 अप्रैल को लागू करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन किसी कारणवश इसे लागू करने में कुछ दिनों की देरी हो सकती है। हालांकि 15 अप्रैल तक इसे तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेलों में लागू कर दिया जाएगा।
अधिकारियों ने बताया कि कैदी को जेल के अंदर डयोढी, चक्कर, मेडिकल रूम, लाइब्रेरी, लीगल ऐड सेल, लंगर या जेल के जिस भी हिस्से में जाना है, उसके लिए निर्धारित कलर कोड गेट पास जारी किया जाएगा। इसकी एंट्री रजिस्टर में की जाएगी।
जेलों में अक्सर कैदियों के अपने वॉर्ड से बाहर यहां-वहां घूमने की घटनाएं आती रहती हैं। इससे आए दिन जेलों में कैदी एक-दूसरे पर हमला कर देते हैं या फिर अन्य तरह की परेशानियां सामने आती हैं। कुछ कैदी तंबाकू और अन्य ड्रग्स की स्मगलिंग में भी शामिल होते हैं। कलर कोड गेट पास जारी होने के बाद कैदियों की जेल में मूवमेंट पर ब्रेक लग जाएगा।

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