लोनी से सबसे कम वोट अंतर से जीते नंदकिशोर गुर्जर

गाजियाबाद। लोनी विधानसभा में लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर भाजपा प्रत्याशी नंदकिशोर गुर्जर ने विरोधियों करारा जबाव दिया है। लोनी सीट पर भाजपा प्रत्याशी को सपा रालोद गठबंधन प्रत्याशी मदन भैया से कांटे की टक्कर मिली। इसी के परिणाम के चलते गाजियाबाद की पांचों विधानसभाओं में नंदकिशोर गुर्जर को सबसे कम वोटों के अंतर से जीत मिली। पिछली बार जहां उन्होंने 42813 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी, लेकिन इस बार यह दायरा घटकर 8676 रह गया।
मतगणना की शुरुआत में सबसे पहले पोस्टल बैलट की गिनती शुरू हुई। पोस्टल बैलट में सपा-रालोद प्रत्याशी मदन भैया को 222 तो भाजपा प्रत्याशी को 188 वोट मिले। इसके बाद पहले चरण की मतगणना में नंदकिशोर गुर्जर ने बढ़त के साथ शुरुआत की। लेकिन नौवें राउंड में जीत का अंतर एक हजार से भी कम रह गया। लेकिन अगले चरण की मतगणना ने भाजपा प्रत्याशी को राहत दी। मतगणना में वोटों का अंतर घटने और बढ़ने का असर भाजपा प्रत्याशी के चेहरे पर साफ दिखा। आखिरी चरण में वोटों का अंतर कम होने से उनकी झुंझलाहट साफ नजर आई। वह समर्थकों से जल्द मतगणना का ब्यौरा एकत्रित करने की बात कहते हुए नजर आए।

भाजपा से बगावत करते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ी रंजीता धामा ने कड़ी चुनौती पेश की। अंतिम परिणाम में वह लोनी में तीसरे पाएदान पर रहीं। बसपा प्रत्याशी से भी उन्हें अधिक वोट मिले। बसपा प्रत्याशी को जहां 25717 वोट मिले, वहीं रंजीता धामा ने 27289 वोट हासिल किए। रंजीता धामा ने मुख्य रूप से भाजपा के वोटरों में ही सेंध लगाई। दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद यामिन मलिक को 2049 वोट मिले।
परिसीमन के बाद 2012 में लोनी विधानसभा सीट पहली बार वजूद में आई। 2012 में हुए पहले चुनाव में बसपा और 2017 में लोनी सीट भाजपा के खाते में गई। उससे पहले लोनी के साथ साहिबाबाद का आंशिक क्षेत्र बागपत के खेकड़ा विधानसभा में आता था। 2012 में हुए चुनाव में बसपा के जाकिर अली ने रालोद के मदन भैया को शिकस्त दी। फिर मोदी लहर में लोनी में भाजपा प्रत्याशी नंदकिशोर गुर्जर के साथ बाकी सभी सीटों पर क्लीन स्वीप हुआ। पहले चुनाव पहले पाएदान पर ही बसपा इस बार चौथे स्थान पर रही है।

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