दिल्ली-एनसीआर में 10 दिन बाद गहरा सकता है सीएनजी का संकट

नई दिल्ली। दिल्ली में 10 दिन बाद से कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) का संकट गहरा सकता है। गैस पंप संचालकों ने गैस प्रदाता कंपनी इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड (आइजीएल) को चेतावनी दी है कि उनकी मांगों को न माने जाने की स्थिति में वे 10 दिन बाद से सीएनजी की बिक्री बंद कर देंगे। राष्ट्रीय राजधानी में 160 सीएनजी स्टेशन है, जहां से प्रतिमाह करीब ढाई करोड़ किलो सीएनजी की बिक्री होती है। इन पंपों से दिल्ली के साथ ही एनसीआर के शहरों के लोग भी अपने वाहनों में ईंधन भरवाते हैं। ऐसे में अगर पंपों ने बिक्री बंद की तो मुश्किल तय है। संचालकों की मांग सीएनजी की बिक्री पर कमीशन बढ़ाने और पंपों पर लगे आइजीएल के उपकरणों को चलाने में हो रहे बिजली खर्च के भरपाई की है।

इस संबंध में दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को आइजीएल के उच्चाधिकारियों से भी मिला तथा मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में एसोसिएशन के अध्यक्ष अनुराग नारायण, महासचिव तनय गुप्ता महासचिव व पूर्व अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया के साथ ही 70 के करीब पंप संचालक थे। इस संबंध में निश्चल सिंघानिया ने बताया कि वर्ष 2016 में आइजीएल ने कहा था कि पंपों पर लगाए गए उपकरणों को चलाने का खर्च वह मीटर के आधार पर देगा, जबकि पहले उन्हें बिजली के बिल का भुगतान प्रति किलो सीएनजी पर 2.03 रुपये के रूप में हो रहा था। जब पंप संचालकों ने उपकरणों के लिए अलग से विशेष बिजली के मीटर लगाए तो उन्हें चलाने का होने वाला खर्च औसतन 2.70 पैसे प्रति किलो आ रहा है। ऐसे में प्रति किलो सीएनजी पर बिजली खर्च मद में तकरीबन 60 से 70 पैसा जोड़ने की मांग हो रही है।

इसी तरह पेट्रोलियम मंत्रालय ने आइजीएल से पंप संचालकों को प्रति किलो 2.28 रुपये की जगह 2.53 प्रति किलो कमीशन देने का सुझाव दिया था। इस तरह हर पंप का हजारों रुपये का बकाया आइजीएल पर निकल रहा है। इन दोनों मामलों को लेकर पिछले तीन सालाें से पंप संचालकों और गैस कंपनी से बातचीत चल रही है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल रहा है। महासचिव तनय गुप्ता ने कहा कि कंपनी के उच्चाधिकारी से हुई मुलाकात में 10 दिन का अल्टीमेटल दिया गया है। अन्यथा आंदोलन की चेतावनी दी गई है। इसमें पंपों से सीएनजी की बिक्री रोकने और केवल पेट्रोल व डीजल की ही बिक्री करने को लेकर चेताया गया है।

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