लोगों से 100 करोड़ की धोखाधड़ी में रेड एप्पल बिल्डर्स का मालिक परिवार समेत गिरफ्तार
प्रेमप्रकाश त्रिपाठी,(गाजियाबाद)। फर्जी कंपनियां खोलकर लोगों से 100 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करने वाले रेड एप्पल व आइडिया बिल्डर्स कंपनी के डायरेक्टर को नंदग्राम पुलिस ने परिवार के सदस्यों के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से फर्जी पहचान से प्राप्त किया गया दुबई का सिटीजन कार्ड, आधार कार्ड, लैपटाप, मोबाइल फोन और अन्य सामान बरामद किए गए हैं। पुलिस का कहना है कि बिल्डर लोगों से सोसाइटी में प्लाट व फ्लैट देने के नाम पर धोखाधड़ी कर रहा था। इसके अलावा आरोपित ने मोटी ब्याज दर पर पैसे का निवेश कराकर भी लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी की है। इसके व साथियों के खिलाफ 29 मामले दर्ज हैं। पहचान बदल कर दुबई भागने की फिराक में थे, इससे पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि सूचना के आधार पर राजनगर एक्सटेंशन से राजकुमार जैन, उसके बेटे नमन व अक्षय जैन, बेटी अनुशा जैन, पत्नी इंदु जैन, पारिवारिक सदस्य ऋषभ जैन और प्रतीक जैन को गिरफ्तार किया गया है। सभी आरोपित रामप्रस्था कालोनी चंद्रनगर के निवासी हैं। आरोपितों ने आइडिया बिल्डर्स प्राइवेट लिमिटेड, मंजू जे होम्स और रेड एप्पल समेत दर्जनों फर्जी कंपनियां बना रखी हैं। इनमें कूटरचित दस्तावेज तैयार कर एक ही प्लाट और फ्लैट को आरोपितों द्वारा कई-कई बार बेचकर लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई। तमाम पीड़ितों की शिकायत पर आरोपितों और इनके परिवार वालों के खिलाफ धोखाधड़ी और गैंगस्टर एक्ट के 29 मामले विभिन्न थानों में दर्ज हैं।
जैन से बना गर्ग परिवार, बनाए फर्जी दस्तावेज
एसपी सिटी निपुण अग्रवाल ने बताया कि आरोपित अपनी पहचान छिपाकर दुबई भागने की फिराक में थे। आरोपितों का जैन परिवार पहचान बदल कर गर्ग परिवार बन गया था। सभी ने अपनी फर्जी पहचान के दस्तावेज भी तैयार कर लिए थे। इस क्रम में मुख्य आरोपित राजकुमार जैन अब रमेश गर्ग बना हुआ था। जबकि नमन जैन-रोहित गर्ग, ऋषभ जैन-सन्नी गर्ग, अनुषा जैन-राखी गर्ग, इंदु जैन-बाबी गर्ग, अक्षय-देवेन गर्ग और प्रतीक जैन अपनी पहचान बदलकर राहुल गर्ग बना हुआ था। सभी आरोपितों ने अपना पता भी बदलकर रामप्रस्था कालोनी चंद्रनगर से जे एंड के ब्लाक लक्ष्मीनगर दिल्ली कर लिया था।
नंदग्राम थाना प्रभारी अमित कुमार काकरान ने बताया कि आरोपित अक्षय जैन ने अपनी पहचान बदलकर देवेन गर्ग के नाम से प्राइवेट बैंक में अपना खाता भी खुलवा लिया था। उसके पास से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर प्राप्त किया गया दुबई का सिटीजनशिप कार्ड भी बरामद हुआ है। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि वह यहां से पैसा एकत्र कर हमेशा के लिए दुबई में बसने की सोच रहे थे। लेकिन इससे पूर्व ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि आरोपितों के गिरोह में शामिल अन्य लोग अभी फरार हैं। उन्हें भी पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।