पोलैंड के रास्ते भारतीयों को निकालेगी भारत सरकार
नयी दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ गया है। ऐसे में भारतीयों को यूक्रेन से बाहर निकालने की तैयारी में केंद्र सरकार जुट गई है। इसको लेकर विदेश मंत्रालय ने अहम जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि भारतीयों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। विदेश सचिव हर्ष वी श्रृंगला ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करने वाले हैं।विदेश सचिव ने बताया कि सीसीएस की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यूक्रेन में छात्रों सहित भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में उभरती स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। हमने करीब एक महीने पहले यूक्रेन में भारतीय नागरिकों का पंजीकरण शुरू किया था। ऑनलाइन पंजीकरण के आधार पर हमने पाया कि 20,000 भारतीय नागरिक वहां हैं। विदेश सचिव ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में 4000 भारतीय नागरिक पहले ही यूक्रेन छोड़ चुके हैं। दिल्ली में विदेश मंत्रालय के कंट्रोल रूम को 980 कॉल और 850 ईमेल मिले हैं। उन्होंने बताया कि विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी के विदेश मंत्रियों से बात करेंगे। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में हमारा दूतावास काम कर रहा है। स्थिति के विकसित होने पर दूतावासों द्वारा कई सलाह जारी की गई हैं। हम अपने छात्रों के कल्याण और सुरक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया में विश्वविद्यालयों से परामर्श कर रहे हैं।
विदेश मंत्रालय के संबोधन की बड़ी बातें:-
- पोलैंड के रास्ते फंसे हुए भारतीयों को निकाला जा सकता है।
- प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही रूसी राष्ट्रपति से बात करेंगे।
- भारतीय दूतावास ने 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर जारी किया है।
- पोलैंड-यूक्रेन सीमा पर कैंप बनाया गया है।
- यूक्रेन के हालात गंभीर हैं।
- भारत ने यूक्रेन के विश्वविद्यालयों से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का अनुरोध किया।