पूर्वी दिल्ली नगर निगम की बैठक में जोरदार हंगामा और तोड़फोड़

दिल्ली ब्यूरो। पूर्वी दिल्ली नगर निगम की सदन की बैठक में सोमवार को जोरदार हंगामा हुआ। लेकिन हंगामे के बीच ही सदन में आए विकास कार्यों से संबंधित सारे प्रस्ताव पास हो गए। हंगामे के दौरान महापौर श्याम सुंदर अग्रवाल के सामने रखे पेपर फाड़ दिए। निगम के सदस्यों ने एक दूसरे के खिलाफ अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया। खींचतान में एक पार्षद की गले की चैन टूटकर जमीन पर गिर गई। एक पार्षद ने दूसरे के मुंह पर बोतल का पानी फेंक कर मारा। दिल्ली में नगर निगम चुनाव अप्रैल में होने हैं। चुनाव का महीना तय होते ही सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे के जैसे जादती दुश्मन बन गए हैं, निगम की बैठक में इनका ऐसा स्वरूप दिखाई पड़ा। सोमवार को पूर्वी निगम की सदन की बैठक में नेता सदन सत्यपाल सिंह शोक प्रस्ताव के तत्काल बाद निंदा प्रस्ताव ले आए। निंदा प्रस्ताव वेस्ट विनोद नगर वार्ड से आम आदमी पार्टी की पार्षद गीता रावत के खिलाफ था, जिन्हें रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने हाल ही में गिरफ्तार किया है। सदन में यह प्रस्ताव लाने के बाद विपक्ष की भूमिका निभा रहे आम आदमी पार्टी के पार्षद बेहद नाराज हो गए और प्रस्ताव का विरोध करने लगे और अपनी सीट से उठकर महापौर की सीट के पास तक पहुंच गए। तभी सुभाष मोहल्ला से आप पार्टी की पार्षद रेखा त्यागी ने महापौर के सामने रखे प्रस्ताव के कागजात उठाए और उन्हें फाड़कर नीचे फेंक दिया। देखते ही देखजते महापौर और निगम आयुक्त विकास आनंद पक्ष-विपछ के पार्षदों से घिर गए। बीच-बचाव करके किसी तरह वहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने पार्षदों को दूर किया और महापौर और आयुक्त को वहां से निकाला। करीब आधे घंटे तक सदन की कार्यवाही स्थगित रही। कुछ देर बाद हंगामा थमा, फिर से महापौर और निगम आयुक्त अपनी सीट पर लौटे और सदन में लाए प्रस्तावों को फटाफट पास कर सदन को वहीं स्थगित करने की घोषणा कर दिया।
पक्ष-विपक्ष ने एक दूसरे को कहे अपशब्द
हंगामे के दौरान आम आदमी पार्टी के पार्षद भाजपा के पार्षदों को चोर और भ्रष्टाचारी कह रहे थे और भाजपा के पार्षद आप पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया को भ्रष्ट बता रहे थे। दोनों दलों के पार्षद विरोधी दल के खिलाफ अपशब्द लिखी दफ्तियां लेकर सदन में आए थे। पूर्व महापौर नीमा भगत ने कहा कि आम आदमी पार्टी की परिपाटी है, ये चोरी करते हैं और अपने चोर सहयोगी का तसल्ली से साथ देते हैं। जबकि चाहिए ये था कि आप पार्टी के बाकी पार्षद भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े होते और कहते कि गीता रावत ने भ्रष्टाचार किया है, उन्हें सजा मिलनी चाहिए। लेकिन वो अपने भ्रष्ट साथी के साथ खड़े हैं।
महापौर ने सात पार्षदों को निलंबित किया
महार श्याम सुंदर अग्रवाल ने हंगामे का दोषी मानते हुए आप पार्टी के सात पार्षदों को निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा कि कागज फाड़ना, गले की चेन छीनना, मुंह पर पानी फेंकना सदन की मर्यादा के खिलाफ है। इसके पहले महापौर ने नेता विपक्ष समेत आप पार्टी के 15 अन्य पार्षदों को निलंबित किया था।

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