करीब डेढ़ लाख दिल्‍ली वालो ने घर बैठे बनवा लिया लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस

नई दिल्ली। दिल्ली में 11 अगस्त 2021 को परिवहन विभाग की ज्यादातर सेवाओं को फेसलेस किया गया था और इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े करीब 90 फीसदी आवेदनों को मंजूरी मिली है। ई-लर्निंग लाइसेंस के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आए हैं। फेसलेस सेवाओं का ट्रायल एक साल पहले शुरू किया गया था, लेकिन छह महीने पहले अगस्त में ज्यादातर सेवाओं को इस सिस्टम के दायरे में लाया गया था। परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि दिल्ली सरकार ने परिवहन सेवाओं को लोगों के घरों तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है और इस योजना के बहुत अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। युवाओं को अब बहुत आसानी से लर्निंग लाइसेंस मिल रहा है। उन्होंने कहा कि परमानेंट लाइसेंस के टेस्ट के लिए लंबित आवेदनों का निपटारा जल्द से जल्द करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। ई-लर्निंग लाइसेंस की शुरुआत 7 अगस्त 2021 से की गई थी और तब से लेकर 13 फरवरी 2022 तक 145124 आवेदक टेस्ट पास कर चुके हैं, जिन्हें ई-लर्निंग लाइसेंस मिल गया है। घर बैठे लोगों को लाइसेंस मिला है। 6084 आवेदक फेल हुए हैं, जिनमें से 1157 कलर ब्लाइंडनेस टेस्ट में फेल हुए हैं। लर्निंग लाइसेंस के लिए लंबित आवेदनों की संख्या 3410 है। ई-लर्निंग लाइसेंस के लिए जो लोग घर या ऑफिस में टेस्ट दे रहे हैं, उनको लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया पूरी करने में अब कम समय लग रहा है। लर्निंग लाइसेंस के बाद सबसे ज्यादा ऑनलाइन आवेदन लाइसेंस रिन्युअल के लिए हैं। पहले लोगों को लाइसेंस रिन्यू करवाने के लिए अथॉरिटी के चक्कर काटने पड़ते थे, लेकिन अब ऑनलाइन रिन्युअल सिस्टम शुरू हो गया है।
परिवहन विभाग की फेसलेस सेवाओं की शुरुआत के बाद पिछले छह महीने में 8 लाख से ज्यादा आवेदन आए हैं। अलग-अलग सेवाओं के लिए आए 8 लाख से ज्यादा आवेदनों में से करीब 85 फीसदी को मंजूरी मिल गई है। यानी 6.78 लाख आवेदनों का निपटारा हो गया है। करीब 6 फीसदी आवेदन लंबित हैं। खारिज किए गए आवेदनों की संख्या एक प्रतिशत से भी कम है। जिन आवेदनों में कमी पाई जाती है, उनके बारे में आवेदक को जानकारी दी जाती है।

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