1100 रुपये में लेडीज टेलर दे रहा था पुलिस और बीएसएफ में नौकरी,गाजियाबाद में चलाता है सिलाई केंद्र

Ladies tailor was offering jobs in police and BSF for Rs 1100, runs a sewing centre in Ghaziabad

गाजियाबाद। पुलिस और अर्धसैनिक बल की वर्दी पहनने का शौक रखने वाले युवाओं को ठगने के लिए एक लेडीज टेलर ने ठगी का संगठन ही बना डाला। टेलर संगठन का सदस्य बनाने के नाम पर ठगी करता और बदले में बेरोजगारों को पुलिस और बीएसएफ की वर्दी भी पहना रहा था। वर्दी पहने शख्स के कंधे पर स्टार लगाने का विडियो वायरल होने पर इंदिरापुरम पुलिस ने जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर गिरोह का खुलासा किया है। पकड़े गए सरगना के पास से कई फर्जी आई कार्ड बरामद हुए हैं, जिन पर बीएसएफ और रक्षा मंत्रालय अंकित है। पुलिस आरोपी के अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।
एसीपी इंदिरापुरम अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि सोशल मीडिया पर एक पुलिस की वर्दी पहने एक युवक के कंधों पर स्टार लगाने का वीडियो वायरल हुआ था। स्टार लगाने वाले सामान्य लोग थे। मामले की जांच की गई तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। काफी पड़ताल के बाद पुलिस ने दिल्ली के मुबारकपुर में रहने वाले यादराम आर्य को गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया का उसने आंध्र प्रदेश में एंटी क्राइम ऑर्गेनाइजेशन वसुंधरा संरक्षण फाउंडेशन के नाम से अपने संगठन का पंजीकरण करा रखा है।
आरोपी यादराम आर्य ने पूछताछ में बताया कि संगठन के जरिए वह लोगों को 1100 रुपये में सदस्य बनाता था। सदस्यों को कहीं भी अपराध और करप्शन की सूचना के निर्देश दिए जाते थे। उन्हें आश्वासन दिया जाता था कि संगठन करप्शन के खिलाफ मंत्रालय के जरिए एक्शन करवाएगा। करीब तीन साल से वह यूपी में सक्रिय हुआ और बेरोजगार लोगों को संगठन में जोड़ना शुरू किया। इसके लिए पंजीकरण शुल्क 1100 रुपए तय किया। वर्दी के रुपये अलग देने पड़ते थे। दावा है कि तीन साल में यादराम आर्य ने सैकड़ों लोगों से ठगी की। जिनमें पुलिस को 60 से अधिक लोगों की जानकारी मिली है। आरोपी पुलिस ही नहीं बॉर्डर सिक्यॉरिटी फोर्स (बीएसएफ) की नकली वर्दी तक पहना देता था। साथ ही गृह मंत्रालय, कमिश्नरेट व अन्य मंत्रालय के नाम लिखवा कर पहचान-पत्र भी दिए।
पुलिस के अनुसार शातिर यादराम लेडीज टेलर है और वसुंधरा में ही अपना सिलाई केंद्र भी चलाता है। इसके साथ ही वह एक क्राइम न्यूज नाम से एक पोर्टल भी संचालित करता है। यादराम आर्य ने संगठन बनाया और लोगों को पुलिस व अर्धसैनिक बल का संगठन बताकर सदस्यता दिलाने के नाम पर ठगी शुरू कर दी। उसने सदस्यों को पुलिस व बीएसएफ की वर्दी पहनाई और पहचान पत्र पर भारत सरकार व अन्य मंत्रालय का नाम लिखकर बेरोजगार लोगों के पंजीकरण कराए। सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद कार्रवाई हुई और इंदिरापुरम पुलिस ने शनिवार रात दर्जी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने आंध्र प्रदेश में संगठन का पंजीकरण कराने और लोगों से ठगी करने की बात स्वीकार की है।

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