रुका वेतन रिलीज कराने हाई कोर्ट पहुंचे, उल्टा ही फर्जी नियुक्ति की खुल गई पोल

रायबरेली में हैरान करने वाला मामला

रायबरेली/उत्तर प्रदेश। रायबरेली जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। शिक्षा विभाग में 5 साल पहले पांच स्कूलों में 16 फर्जी नियुक्तियों का भांडा फूट गया। वेतन के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले फर्जी कर्मचारियों को उनका ही दांव उल्टा पड़ गया। हाई कोर्ट के आदेश पर डीआईओएस की जांच में फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया।रायबरेली डीआईओएस संजीव कुमार सिंह ने बताया कि 5 साल पहले पांच स्कूलों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद पर 16 नियुक्तियां हुई थीं। फर्जी रूप से नियुक्त कर्मचारियों ने हाई कोर्ट में वेतन के लिए याचिका दाखिल की। हाई कोर्ट ने प्रकरण की जांच करके निस्तारण के निर्देश दिए। जांच में नियुक्तियों के फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।
उन्होंने बताया कि राही ब्लॉक के खागीपुर सड़वा स्थित भारतीय शिक्षा निकेतन के कथित दो चतुर्थ श्रेणी कर्मी धर्मेंद्र प्रताप सिंह, ज्ञान प्रकाश है। रुस्तमपुर स्थित गायत्री इंटर कॉलेज के चार चतुर्थ श्रेणी कर्मी दिनेश कुमार, उमाशंकर सिंह, गुलाब सिंह, सुमेर बहादुर है। हरचंदपुर के चंद्रपाल इंटर कॉलेज में पांच कर्मचारी राम अभिलाष यादव, राजभूषण, महेंद्र कुमार, ललिता देवी, दिनेश कुमार और इतने ही नाम जनपद इंटर कॉलेज के नाम सामने आए हैं। डीआईओएस ने जांच रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए एसपी को पत्र लिखा है।
फर्जी नियुक्ति पत्र के आधार पर हरचंदपुर कस्बे में स्थित जनपद इंटर कॉलेज के आदर्श प्रताप, सुनील, हौसिला प्रसाद, अनुराग सिंह, अशोक प्रजापति के खिलाफ प्रधानाचार्य की तहरीर पर हरचंदपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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