जम्मू कश्मीर में कोरोना जैसा हाल, रहस्यमयी बीमारी से अबतक 6 बच्चों समेत 17 की मौत

कई गांव कंटेनमेंट जोन घोषित

  • जम्मू कश्मीर में रहस्यमयी बीमारी का कहर
  • रहस्यमयी बीमारी से अबतक 17 लोगों की मौत
  • पांच और लोगों की हालत गंभीर, एक पीजीआई रेफर

राजौरी/जम्मू कश्मीर। जम्मू कश्मीर के राजौरी के बुधाल गांव में रहस्यमयी बीमारी से 17 लोगों की मौत के बाद प्रशासन ने बुधवार को इसे कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है। गांव में सभी तरह की सभाओं पर रोक लगा दी गई है। मंगलवार शाम से अब तक पांच और लोग बीमार होकर अस्पताल में भर्ती हुए हैं। 17 दिसंबर से तीन परिवारों के 17 सदस्य इस ‘रहस्यमयी बीमारी’ से दम तोड़ चुके हैं, जिनमें छह बच्चे भी शामिल हैं। कई अन्य लोग अभी भी बीमार हैं।
बता दें कि पांच बीमार लोगों को पहले सीएचसी कंडी में भर्ती कराया गया था। इनमें से एक गंभीर रूप से बीमार मरीज अजाज खान (25) को बुधवार सुबह करीब 1:35 बजे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर किया गया। उन्हें केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए एयर एम्बुलेंस से वहां ले जाया गया। तीन नाबालिग बहनों को पहले सीएचसी से जीएमसी राजौरी रेफर किया गया, फिर उन्हें सेना के हेलीकॉप्टर से जम्मू एयरलिफ्ट किया गया। जीएमसी के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. शमीम अहमद ने बताया कि पांचवें मरीज को सीएचसी कंडी से जीएमसी राजौरी स्थानांतरित किया गया।
राजौरी के जिलाधिकारी अभिषेक शर्मा ने बीएनएस धारा 163 के तहत एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि जन सुरक्षा सुनिश्चित करने और संक्रमण के संभावित प्रसार को रोकने के लिए यह रोक लगाई गई है। आदेश में कहा गया है कि नामित अधिकारी कंटेनमेंट जोन के भीतर परिवारों को प्रदान किए जाने वाले सभी भोजन की निगरानी करेंगे।
आदेश में कहा गया है कि जिन परिवारों में मौतें हुई हैं, उनके घरों को सील कर दिया जाएगा। परिवार के सदस्यों सहित सभी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक रहेगी, जब तक कि नामित अधिकारियों द्वारा अधिकृत न किया जाए। आदेश में कहा गया है कि इन परिवारों के व्यक्तियों और उनके निकट संपर्क में रहने वालों को निरंतर स्वास्थ्य निगरानी के लिए तुरंत जीएमसी राजौरी स्थानांतरित किया जाना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग की टीमों ने अब तक लगभग 3,500 स्थानीय लोगों की जांच की है। इनमें बढ़ाल और आसपास के गांवों के निवासी शामिल हैं। लेकिन अभी तक किसी भी वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। मौतों के कारणों की जांच के लिए एक अंतर-मंत्रालयी टीम गांव में डेरा डाले हुए है। स्थानीय लोग दहशत में हैं। वे इस बीमारी के कारणों को लेकर चिंतित हैं।

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