दिल्ली में 200 करोड़ का ‘अस्पताल घोटाला’, पीडब्लूडी का पूर्व अफसर गिरफ्तार

नई दिल्ली। कोविड-19 के दौरान दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में बगैर काम किए या अधूरे कंस्ट्रक्शन पर ही दो कंपनियों को फर्जी बिलों के जरिए पेमंट कर दी गई। इससे सरकार को करीब 200 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। दिल्ली सरकार की एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) ने इस मामले में पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (पीडब्ल्यूडी) के रिटायर्ड एडीजी अनिल कुमार आहूजा, मैसर्स एवी इंटरप्राइजेज के मालिक विनय कुमार और मैसर्स विवेक असोसिएट्स के मालिक अक्षितिज बिरमानी को अरेस्ट कर लिया है।
जॉइंट कमिश्नर (एसीबी) मधुर वर्मा ने बताया कि दिल्ली सरकार के एलएनजेपी, जीटीबी, बाबा साहेब आंबेडकर और जीबी पंत समेत आठ अस्पतालों में कागजों पर काम दिखा कर सरकार को करीब 200 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया। दोनों कंपनियों ने फर्जी बिल बनाए, जिन्हें पीडब्ल्यूडी के तत्कालीन चीफ इंजीनियर (हेल्थ) ने पास कर दिया। एसीबी ने इस मामले में पीडब्ल्यूडी अफसरों और प्राइवेट फर्म्स पर जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार के तहत केस दर्ज किया।
एसीबी को जांच में पता चला कि कोविड-19 के दौरान दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में अलग-अलग फर्म या ठेकेदारों को कई काम दिए गए थे। इससे पता चला कि ठेकेदारों और पीडब्ल्यूडी अफसरों की मिलीभगत से करोड़ों के गड़बड़झाले को अंजाम दिया गया था। एडीजी रिटायर हुए अनिल कुमार आहूजा तब चीफ इंजीनियर थे, जिन्होंने कोविड-19 के दौरान 19 आरोपी फर्म्स को 56 कामों की मंजूरी दी थी। इससे संबंधित दस्तावेज फाइल से गायब मिले। जांच में कई बिल फर्जी पाए गए।
कई मामलों में एक ही दिन में प्रक्रिया कर टेंडर दे दिए गए, जो लॉकडाउन के वक्त संभव नहीं था। इस फर्जीवाड़े का खुलासा संबंधित फर्म्स से पूछताछ करने से भी हुआ। जांच में खुलासा हुआ कि रिटायर्ड एडीजी अनिल कुमार आहूजा और मैसर्स एवी इंटरप्राइजेज के बीच एक करोड़ 25 लाख का लेन-देन हुआ था। इसी तरह एवी इंटरप्राइजेज ने 5 दिसंबर 2020 को आहूजा की बहू के खाते में छह लाख रुपये ट्रांसफर किए थे। पूरे मामले में करीब 200 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया।

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