महाराष्ट्र राज्यसभा चुनाव:’महा’मुकाबले में दांव पर बीजेपी की साख, 25 साल बाद शिवसेना से टक्कर

  • एआईएमआईएम ने महाविकास अघाड़ी को अपना समर्थन दिया है
  • अब आईएमआईएम के विधायक एमवीए के उम्मीदवार को वोट करेंगे
  • एआईएमआईएम के महाराष्ट्र में दो विधायक हैं
  • कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी को एआईएमआईएम दे सकती है वोट

महाराष्ट्र डेस्क। महाराष्ट्र का राज्यसभा चुनाव दिलचस्प मोड़ पर है। 25 साल बाद राज्यसभा के चुनाव में पहली बार शिवसेवा और बीजेपी आमने-सामने हैं। इस बीच एआईएमआईएम ने यह तय कर लिया है कि वह इस इलेक्शन में किसका साथ देगी? पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील  ने वोटिंग से ठीक पहले बड़ा ऐलान कर दिया। राज्यसभा चुनाव में एआईएमआईएम के दो विधायक महाविकास अघाड़ी सरकार के उम्मीदवारों को अपना मतदान करेंगे।

इमरान प्रतापगढ़ी के समर्थन में वोट डालने के निर्देश
बीजेपी को हराने के लिए असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा दांव खेला है। इससे उद्धव ठाकरे की अगुआई वाले एमवीए को राहत की सांस मिलती दिख रही है। नवाब मलिक और अनिल देशमुख के जेल में होने की वजह से एमवीए के दो वोट मतदान से पहले ही कम हो गए थे। औरंगाबाद से एआईएमआईएम के सांसद जलील ने कहा कि उनकी पार्टी ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि भारतीय जनता पार्टी को शिकस्त दी जा सके। आपको बता दें कि महाराष्ट्र में एआईएमआईएम के दो विधायक हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष इम्तियाज जलील ने बताया कि उन्हें कांग्रेस के उम्मीदवार इमरान प्रतापगढ़ी के समर्थन में वोट डालने के लिए कहा गया है। महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए आज सुबह 9 बजे से वोटिंग चल रही है। कुछ दिनों पहले एमआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी की तरफ से कहा गया था कि अभी तक महाविकास अघाड़ी के नेताओं की तरफ से समर्थन की मांग नहीं की गई है। अगर समर्थन मांगा जाएगा तो हम इस पर जरूर विचार करेंगे। जिसके अगले ही दिन महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा था कि वह ओवैसी से बात करेंगे।
जीत का गणित: जादुई नंबर 41 हुआ
महाराष्ट्र में राज्यसभा की 6 सीटों के लिए 7 उम्मीदवार मैदान में हैं। जिसमें से बीजेपी के तीन उम्मीदवार पीयूष गोयल, अनिल बोंडे और धनंजय महाडिक। वहीं शिवसेना के दो उम्मीदवार संजय राउत और संजय पवार हैं। जबकि एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल और कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी चुनावी मैदान में हैं। अब इस चुनाव में 42 वोटों की जगह जीत के लिए 41 वोट चाहिए, क्योंकि अनिल देशमुख और नवाब मलिक को वोट की इजाजत नहीं मिली है। वहीं शिवसेना के एक विधायक रमेश लटके की हाल में मौत हुई है।

25 साल बाद शिवसेना और बीजेपी की टक्कर
इस चुनाव में असली लड़ाई शिवसेना और बीजेपी के उम्मीदवार के बीच में है। दोनों ही पक्षों की तरफ से अपनी-अपनी जीत का दावा किया जा रहा है। 25 साल के बाद यह पहला राज्यसभा चुनाव है, जिसमें कभी पुराने दोस्त रहे शिवसेना और बीजेपी एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोक रहे हैं। हालांकि नतीजों से यह पता चलेगा की जिन निर्दलीय उम्मीदवारों को अब तक लुभाने का प्रयास दोनों ही पार्टियां करती रही हैं, उन्होंने किसका साथ दिया है। इस चुनाव में एक-एक विधायक के वोट का अपना महत्व होता है। हालांकि एनसीपी को 2 वोटों का नुकसान हो रहा है। क्योंकि उनके दो नेता अनिल देशमुख और नवाब मलिक सलाखों के पीछे हैं। चुनाव में अगर बीजेपी के तीसरे उम्मीदवार की जीत होती है तो एमवीएम में टूट की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। दूसरी ओर अगर उद्धव के कैंडिडेट संजय पवार जीतते हैं तो राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार ताकतवर होकर उभरेगी।
बीजेपी और एमवीए का नंबर गेम समझिए
महाराष्ट्र विधानसभा के आंकड़े के लिहाज से राज्यसभा में एक उम्मीदवार को जीतने के लिए 42 वोटों की जरूरत होती है। लेकिन दो विधायकों के जेल में होने से अब यह आंकड़ा 41 हो गया है। बीजेपी के पास विधानसभा में 106 सीटे हैं। ऐसे में 2 सीटों पर उसकी जीत तय है। इसके अलावा पार्टी के 22 वोट अतिरिक्त बच रहे हैं। बीजेपी को जिताने के लिए 7 निर्दलीयों ने समर्थन देने का भरोसा दिया है लेकिन फिर भी बीजेपी को तीसरी सीट निकालने के लिए 12 और वोटों की जरूरत होगी। एमवीए की बात करें तो शिवसेना के पास कुल 55, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। तीनों दल एक-एक सीट आसानी से जीत रहे हैं। इसके बाद शिवसेना के 13, एनसीपी के 12 और कांग्रेस के दो वोट अतिरिक्त बच रहे हैं। इस तरह गठबंधन के पास कुल 27 वोट हैं और 41 का आंकड़ा छूने के लिए उसे 14 वोटों की जरूरत है। राज्य में 13 निर्दलीय विधायक हैं, जबकि 16 विधायक छोटी-छोटी पार्टियों के हैं।

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