गाजियाबाद में फायर सेफ्टी के इंतजाम नहीं, शहर के 78 होटलों के सील होने का संकट

गाजियाबाद ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में 78 होटलों के खिलाफ सीलिंग की कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि इनके पास आग से निपटने के लिए सुरक्षा के इंतजाम नहीं हैं। गर्मी के दिनों में आग लगने की घटनाएं बढ़ जाती हैं। हादसे रोकने के लिए अग्निशमन विभाग ने यहां के 100 से अधिक होटलों की जांच की। इसमें पता चला कि 78 होटल बिना फायर एनओसी के ही संचालित हो रहे हैं। यदि इनमें आग लग जाए तो भीषण जान-माल की हानि हो सकती है। विभाग की तरफ से ऐसे होटलों पर कार्रवाई के लिए जिला प्रशासन और जीडीए को पत्र लिखा गया है। यहां 15 मीटर से कम ऊंचाई वाले होटल का जो नक्शा जीडीए ने पास किया है, वहां आग से बचाव के इंतजाम नहीं हैं। दूसरी तरफ 15 मीटर से ऊंचे होटलों के मामले में जिला प्रशासन के स्तर पर सराय एक्ट के तहत कार्रवाई किए जाने के लिए कहा गया है। जिला प्रशासन और जीडीए ने ऐसे होटलों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

बिना फायर एनओसी चल रहे अस्पताल और बैंक्विट हॉल
गाजियाबाद में बिना फायर एनओसी अस्पताल, होटल और बैंक्विट हॉल भी चल रहे हैं। इनमें फायर सेफ्टी के उपकरण भी नहीं हैं। यदि इन प्रतिष्ठानों में कोई हादसा होता है तो कई जिंदगियां दांव पर लग जाएंगी। अधिकारी केवल कागजी करवाई करके चुप्पी साध लेते हैं, लेकिन जब पूरे देश में कोई हादसा होता है तो सभी नींद से उठते हैं और फिर कागजी कार्रवाई शुरू करते हैं। आरडीसी, इंदिरापुरम, वैशाली, वसुंधरा, बजरिया, कौशांबी के अलावा शहर के अन्य हिस्से में बड़ी संख्या में होटल, रेस्तरां बिना फायर एनओसी और फायर सेफ्टी के संचालित हो रहे हैं।
50 से अधिक अस्पतालों में नहीं है एनओसी
फायर डिपार्टमेंट के निरीक्षण के दौरान पता चला कि जिले के 50 से अधिक अस्पताल बिना फायर एनओसी के चल रहे हैं। खास बात यह है कि फायर सेफ्टी के उपकरण भी नहीं लगाए गए। सीएमओ को इन पर कार्रवाई किए जाने के लिए पत्र लिखा गया है।
45 से अधिक बैंक्विट हॉल हैं असुरक्षित
जिले में 45 से अधिक बैंक्विट हॉल असुरक्षित हैं, क्योंकि इन बैंक्विट हॉल में फायर सेफ्टी के उपकरण नहीं मिले। सभी को तत्काल फायर सेफ्टी उपकरण लगवाने का निर्देश दिया गया, लेकिन अभी तक यहां पर उपकरण नहीं लगा।
खेल करते हैं लोग, अधिकारी भी रहते हैं चुप
जब किसी बिल्डिंग का नक्शा पास करवाया जाता है तो फायर डिपार्टमेंट की एनओसी लाते हैं। इसमें फायर डिपार्टमेंट बिल्डिंग में आग के बचाव के क्या-क्या उपाय होने चाहिए, इस आधार पर एनओसी देता है, लेकिन ज्यादातर इसका पालन नहीं करते। ऐसे मामलों में अधिकारी भी चुप बैठे रहते हैं।
नहीं करवाते हैं रिन्यूवल
नियम है कि बहुमंजिला आवासीय भवनों का हर 5 साल में फायर एनओसी का रिन्यूवल करवाना होता है, जबकि अन्य निर्माण का 3 साल में रिन्यूवल करवाने का नियम है, लेकिन लोग इसका रिन्यूवल नहीं करवाते। अग्निशमन विभाग के साथ जिला प्रशासन और जीडीए भी कार्रवाई से बचता है। जब कोई हादसा होता है तो सब विभाग एक साथ जग जाते हैं।
चीफ फायर ऑफिसर सुनील कुमार सिंह ने कहा कि शहर में बिना फायर एनओसी के अस्पताल, बैंक्विट हॉल और होटल चल रहे हैं। पिछले दिनों हुए निरीक्षण के बाद सभी को नोटिस भी दिया गया है। उनके खिलाफ एक अभियान के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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