नदियां बचेंगी तो जीवन बचेगा : प्रवीण पाण्डेय

  • मां कालिंदी का भूगोल बिगाड़ने वालों की बुद्धि-शुद्धि हेतु किया हवन
  • रारी में भगवान शंकर मंदिर परिसर में स्वयंसेवकों ने किया हवन
  • नदियों का स्वरूप बिगाड़ने वालों पर कार्रवाई की मांग

खागा,(फतेहपुर)। जल , जंगल ,जमीन बुंदेलखंड राज्य निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे l बुंदेलखण्ड राष्ट्र समिति के स्वयंसेवकों ने सरौली रारी मार्ग में ग्राम सभा रारी में भगवान शंकर मे मंदिर आचार्य अनिरुद्ध प्रसाद त्रिपाठी ने केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय द्वारा पूजन हवन आरती कराया l कार्यक्रम संयोजक शारदेंदु त्रिपाठी ने सभी ग्राम वासियों के साथ आयोजन करवाया l स्वयंसेवकों का कहना था नदियों में मौरंग-बालू का खनन जिस प्रकार तेजी से किया जा रहा है, उसमे प्राचीन नदियों का स्वरूप बिगड़ रहा है। ओवरलोड वाहनों की आवाजाही से सड़कों की हालत ध्वस्त हो रही है। खराब सड़कों की वजह से क्षेत्र के लोग समय पर गंतव्य नहीं पहुंच पाते हैं। मरीजों को उनके घर से अस्पताल पहुंचाने की व्यवस्था में लगी एंबुलेंस गाड़ियां खराब सड़कों व जाम की वजह से सेवाएं नहीं दे पा रही हैं।
स्वयंसेवकों ने जिला प्रशासन की बुद्धि-शुद्धि हेतु हवन करते हुए आहुतियां डालीं। समिति के केंद्रीय अध्यक्ष का कहना था यमुना नदी में मौरंग खनन के दौरान मानक की धज्जियां उड़ाई जाती हैं। तय मानक से अधिक गहराई में खनन के लिए लंबी बूम वाली पोकलैंड मशीनों का धड़ल्ले से प्रयोग किया जाता है। रास्ता बनाने व सिल्ट सफाई के नाम पर खदान में एक या दो मशीनों के इस्तेमाल की अनुमति होती है। इसके विपरीत देखा जा रहा है कि प्रत्येक मौरंग खदान में 10 से 20 मशीनों को खनन के लिए प्रयोग किया जाता है। जिला प्रशासन भी इस अंधेरगर्दी में खदान संचालकों के साथ खड़ा है। जिसका दुष्परिणाम है कि क्षेत्र की सड़कें समय से पहले ध्वस्त हो रही हैं। वहीं हमारी जीवन दायिनी नदियों का स्वरूप बिगाड़ने में माफिया कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि पेड़ और पानी मानव जीवन की निशानी हैं। नदियों ने हमें जीवन दिया, जीना सिखाया, आत्म निर्भर बनाया है। नदी नहीं यह शक्ति है, नदियों को बचाएंगे तभी जिंदगियां बचेंगी। हमारी जीवन दायिनी नदियां आज आधुनिकता की चपेट में हैं।
समिति के स्वयंसेवकों ने हवन यज्ञ में आहुतियां डालते हुए जिम्मेदारों का ध्यान इस ओर खीचने का प्रयास किया है। इनका कहना था यदि जल्द ही अवैध खनन, ओवरलोडिंग व नदियों का स्वरूप बिगाड़ने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई न हुई तो संसद से सड़क तक इसका विरोध किया जाएगा। अभी कुछ दिन पहले ही समिति के केंद्रीय अध्यक्ष ने खून से पत्र लिख मुख्यमंत्री से अवैध खनन मुद्दे पर कार्रवाई की मांग की थी। आहुतियां डालने वालों में मुख्यरूप से राजन त्रिपाठी , श्याम बाबू , गिरजेश नारायण , ज्ञानेंद्र तिवारी ,इंद्रसेन सिंह ,बलराम सिंह, भावनेंद्र त्रिपाठी,पुत्तन सिंह, आदर्श सिंह , छोटू सिंह, पुस्पेंद्र सिंह,राधेश्याम ,भोले सिंह, अर्पित, मुस्सू काका ,प्रज्ञा त्रिपाठी ,प्रीता , अनिका, अंशिका ,रूही देवी,मोनू मिश्रा ,अर्पित मिश्र आदि मुख्य रूप से रहे l

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