कोल इंडिया से सरकार की हुई तगड़ी कमाई, आईपीओ लाने की भी है योजना
- सरकारी कंपनी कोल इंडिया ने फैसला किया है कि वह BCCL में 25% हिस्सेदारी बेचेगी
- इस मुद्दे पर निदेशक मंडल की बैठक 10 मार्च, 2022 को हुई थी
- कोल इंडिया ने कहा कि सरकार से जरूरी मंजूरी के बाद इस दिशा में कदम उठाया जाएगा
नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह गैर-सूचीबद्ध इकाई भारत कोकिंग कोल लि. में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी। कंपनी ने यह भी कहा कि जरूरी मंजूरी हासिल करने के बाद वह अपनी अनुषंगी इकाई को सूचीबद्ध कराएगी। कोल इंडिया ने शेयर बाजार को दी सूचना में कहा कि निदेशक मंडल की इस मुद्दे पर बैठक 10 मार्च, 2022 को हुई थी।
कंपनी के अनुसार, ‘‘कोयला मंत्रालय के परामर्श के तहत कोल इंडिया की 10 मार्च, 2022 को 438वीं बैठक में कोल इंडिया को बीसीसीएल में चुकता शेयर पूंजी की 25 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने और शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गयी। कंपनी को इस बारे में प्रस्ताव मंत्रालय को भेजने का सुझाव दिया गया।’’
कोल इंडिया ने कहा कि सरकार से जरूरी मंजूरी के बाद इस दिशा में कदम उठाया जाएगा। सूचना के अनुसार, ‘‘कोयला मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद प्रस्ताव को कोल इंडिया के निदेशक मंडल के समक्ष रखा जाएगा…।’’ वित्त वर्ष 2020-21 में बीसीसीएल का उत्पादन 2.46 करोड़ टन रहा जबकि लक्ष्य 3.71 करोड़ टन था।
कोल इंडिया का मुनाफा 46% बढ़ा
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) का एकीकृत शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2021-22 की चौथी तिमाही में 45.9 प्रतिशत बढ़कर 6,692.94 करोड़ रुपये (Coal India Profit) पर पहुंच गया। आय में वृद्धि के साथ कंपनी का मुनाफा बढ़ा है। सीआईएल ने बुधवार को शेयर बाजार को यह जानकारी दी। इससे पिछले वित्त वर्ष यानी 2020-21 की अंतिम तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 4,586.78 करोड़ रुपये था।