दबोचा गया नौकरी का झांसा देकर ठगी करने वाला गैंग, गिरोह का सरगना मामा भी ठगों का बन चुका शिकार

नई दिल्ली। दिल्ली में उत्तरी जिला की साइबर थाना पुलिस ने निजी एयरलाइंस में नौकरी दिलवाने का झांसा देकर ठगी करने वाले एक गैंग का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस संबंध में पांच बदमाशों को दबोचा है। पुलिस ने आरोपियों के पास से सात लैपटॉप, 25 मोबाइल, दो टेबलेट, 33 डेबिट कार्ड, 57 सिमकार्ड, चार वाईफाई राउटर, निजी एयरलाइंस के फर्जी नियुक्ति पत्र, ठगी की रकम से खरीदी गईं दो बाइक, एक स्कूटी बरामद की है। साथ ही एक मकान के बारे में पता चला है। इनके 13 बैंक खातों के बारे में मालूम चला है, जिनमें यह ठगी की रकम का लेनदेन करते थे।  आरोपी जॉब पोर्टल व अन्य वेबसाइट से बेरोजगारों का डाटा लेकर उनको कॉल कर एयरलाइंस में नौकरी लगवाने का झांसा देते थे। फोन पर उनका इंटरव्यू करवाने के बाद फर्जी नियुक्ति पत्र भी भेज दिया करते थे। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि पिछले करीब डेढ़ साल के भीतर इन लोगों कई सौ लोगों से करोड़ों रुपये ठगे हैं। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर इनके बाकी साथियों की तलाश कर रही है।पकड़े गए आरोपियों की पहचान कायमगंज, फर्रुखाबाद, यूपी निवासी दीपक उर्फ अभिषेक प्रताप उर्फ मामा (35), पुष्पेंद्र कुमार (25), अवेंद्र सिंह (20), कासगंज, यूपी निवासी अनिकेत कुमार उर्फ केतन (24) और जैतरा, अट्टा, यूपी निवासी संदीप कुमार (27) के रूप में हुई है।

पासपोर्ट व सैलरी अकाउंट के लिए जमा करवाए रुपये

उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त सागर सिंह कलसी ने बताया कि पिछले दिनों उनकी टीम को नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पर एक शिकायत मिली थी। सिविल लाइंस निवासी अर्जुन सिंह राणा ने बताया कि पिछले दिनों उनके मोबाइल पर एक कॉल आई। कॉलर ने अपना नाम सौरव बताया और बताया कि उसका बायोडाटा नौकरी के लिए शार्टलिस्ट किया गया है। उसे निजी एयरलाइंस में कप्यूटर ऑपरेटर के लिए इंटरव्यू देना है। इसके बाद आरोपी ने एचआर मैनेजर बनाकर किसी से उसका फोन पर ही इंटरव्यू करवाया। इसके बाद अर्जुन से बताया गया कि वह चयनित हो गया है। अब उसे वर्दी, सैलरी अकाउंट चालू करवाने, पासपोर्ट के लिए करीब 14225 रुपये एक बैंक अकाउंट में जमा करवाने होंगे। अर्जुन उनके संपर्क में आ गया और रकम जमा करवा दी। इसके बाद आरोपियों ने अपना फोन बंद कर लिया। पीड़ित ने मामले की शिकायत की। जिसके बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की।
ठग नोएडा में बैठकर लोगों को बना रहे थे शिकार
एसआई रंजीत चौधरी, रोहित सारसवत व अन्यों की टीम ने छानबीन शुरू की। टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता चला कि आरोपी नोएडा में कहीं बैठकर वारदात को अंजाम दे रहे हैं। काफी पड़ताल के बाद उनकी लोकेशन नोएडा के छलेरा गांव में पता चली। शुक्रवार को टीम ने छापेमारी कर पांचों आरोपियों को दबोच लिया। इनके पास से ठगी में इस्तेमाल किया जाने वाला सामान बरामद हुआ। पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वह पिछले डेढ़ साल से यहीं किराए के मकान में रहकर ठगी कर रहे हैं। पुलिस इनके बाकी साथियों की तलाश कर रही है। माना जा रहा है कि यह लोग देशभर के 500 से अधिक लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं। पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

गैंग लीडर मामा पहले खुद इसी तरह हुआ था ठगी का शिकार

पुलिस की पूछताछ में गैंग लीडर दीपक उर्फ मामा ने बताया कि वह काफी समय पहले नौकरी की तलाश में नौकरी आए थे। यहां आने के बाद मामा के साथ ठीक इसी तरह ठगी हो गई। तब उसने भी ठगी करने की ठान ली। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर ठगी की योजना बनाई। सबसे पहले इन लोगों ने एक वेबसाइट से बेरोजगारों का डाटा लिया। इसके बाद उनको कॉल कर नौकरी दिलवाने का झांसा देते। बाद में उनको फर्जी नियुक्ति पत्र भेजकर विश्वास जीतते। इसके बाद उनसे वर्दी, पासपोर्ट और दूसरे मदों में रुपये जमा करवाकर फोन बंद कर लिया करते थे। इनके कई बैंक अकाउंट का पता चला है। पुलिस इनसे पूछताछ कर मामले की छानबीन कर रही है।

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