आइपीएस मुनिराज जी. को बनाया गया गाजियाबाद का नया एसएसपी, जिले में बढ़ते क्राइम को रोकने की जिम्मेदारी

गाजियाबाद। वर्ष 2009 बैच के आइपीएस अधिकारी मुनिराज जी. को गाजियाबाद जिले का अस्थाई एसएसपी बनाया गया है। आइपीएस मुनिराज जी. ने रविवार सुबह ही गाजियाबाद पहुंचकर एसएसपी का कार्यभार संभाल लिया। मुनिराज जी. इसके पहले भी दो बार गाजियाबाद में तैनात रह चुके हैं। वर्ष 2012 में वह एएसपी एवं सीओ सिटी प्रथम और वर्ष 2013 में वह गाजियाबाद के एसपी सिटी रहे थे।

31 मार्च को हुआ था गाजियाबाद के एसएसपी का निलंबन

गाजियाबाद जिले के एसएसपी पवन कुमार को बृहस्पतिवार को निलंबित कर दिया गया था। उन पर ड्यूटी में लापरवाही और अपराध को नियंत्रित करने में विफलता के बाद एक्शन लिया गया। पवन कुमार 2021 अगस्त में मुरादाबाद से गाजियाबाद आए थे।

नये पुलिस कप्तान की सामने होंगी कई बड़ी चुनौतियां

नये आइपीएस के सामने उनकी परीक्षा लेने के लिए कई बड़ी चुनौतियां जिले में पहले से ही तैयार हैं। गाजियाबाद जिले में आए दिन चोरी, डकैती, लूट और सड़कों पर दिनदहाड़े महिलाओं के साथ चेन स्नेचिंग की घटनाएं सामने आती रहती हैं। दुकानों से चोरी की घटनाओं ने भी व्यापारियों को डरा दिया है। 25 लाख की लूट का मामला हो या 11 माह पहले ट्रोनिका सिटी में हुई एक करोड़ रुपये की डकैती का मामला। ये ऐसे अनसुलझे मामले हैं जो नये कप्तान के लिए चुनौती बनेंगे। वहीं जिले में बेलगाम हो चुके बदमाशों पर काबू पाना भी उनके लिए किसी अग्नि परीक्षा से कम नहीं होगा।

डासना देवी मंदिर में साधु पर हमला

मसूरी थाना क्षेत्र के डासना देवी मंदिर में 10 अगस्त 2021 की रात साधु नरेशानंद पर जानलेवा हमला हुआ था। यह मामला सुर्खियों में रहा था। आठ माह बीतने के बाद भी पुलिस अब तक हमलावरों का सुराग नहीं लगा सकी है।जिले में बाइक सवार बदमाश पुलिस के लिए सबसे बड़ी सिरदर्दी बन चुके हैं। बाइक सवार बदमाश जिले में बेलगाम घूम रहे हैं और ताबड़तोड़ वारदात को अंजाम देकर जिले में भय का माहौल पैदा किए हुए हैं। बदमाश लगातार लूट की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। तमाम प्रयासों के बाद भी पुलिस इन पर काबू नहीं कर पा रही है।

नंदग्राम थाना क्षेत्र के राजनगर एक्सटेंशन से करीब पौने दो साल पहले हुए बिल्डर विक्रम त्यागी अपरहण कांड में भी पुलिस अब तक सुराग नहीं लगा सकी है। पुलिस ने उत्तराखंड, पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में जाकर विक्रम त्यागी के बारे में पता लगाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस नाकाम रही। एसटीएफ भी विक्रम त्यागी का सुराग नहीं लगा सकी। जिले में बंद मकानों में चोरी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। चोर लगातार वारदात को अंजाम देकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। पुलिस चोरी करने वाले गिरोह पर लगाम नहीं कस पा रही है। इन गिरोह पर काबू पाना नए एसएसपी के लिए चुनौती से कम नहीं होगा। जिले में वर्तमान में साइबर अपराध सबसे अधिक होने वाला और सबसे बड़ा अपराध बन गया है। साइबर अपराधी जिले में लोगों की गाढ़ी कमाई पर हाथ साफ कर रहे हैं। ऐसा कोई दिन नहीं जाता जब लोग साइबर ठगों का शिकार न बनते हों। ऐसे में साबइर अपराधियों पर काबू पाना नये एसएसपी के लिए सबसे बड़ा टास्क होगा।जिले में वर्तमान में दूसरा सबसे अधिक होने वाला अपराध वाहन चोरी बन गया है। प्रतिदिन औसत पांच से छह वाहनों पर गिरोह हाथ साफ कर देते हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद पुलिस वाहन चोरी की वारदात नहीं रोक पा रही है। नये कप्तान के लिए वाहन चोरी रोकना भी चुनौती साबित होगा।

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