मंत्रालय की नौकरी छोड़ शुरू किया ठगी का कारोबार, दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार
नई दिल्ली। ग्रेटर नोएडा में फ्लैट का सपना दिखाकर दर्जनों लोगों से करोड़ो की ठगी करने वाले कंपनी निदेशक को आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने गिरफ्तार किया है। आरोपित दिवाकर शर्मा मंत्रालय से अंडर सेक्रेट्री की नौकरी छोड़कर रियल स्टेट का कारोबार शुरू किया था। अब तक की जांच में पता चला कि है कि आरोपित 60 से अधिक लोगों से 14 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। पुलिस उसके एक अन्य साथी पीयूष तिवारी की तलाश कर रही है, जो इस मामले में फरार चल रहा है। संयुक्त आयुक्त छाया शर्मा के मुताबिक, जुलाई 2016 में गुलशन सेठी ने शुभकामना बिल्डेटेक प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पीयूष तिवारी और दिवाकर शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
उन्होंने बताया कि आरोपितों द्वारा जुलाई 2013 में ग्रेटर नोएडा में शुभकामना सिटी बनाया जा रहा था। उन्हें बताया गया कि दो साल में यह प्रोजेक्ट पूरा कर उन्हें फ्लैट दे दिया जाएगा, लेकिन उन्हें फ्लैट नहीं मिला। ऐसे 60 से अधिक पीडि़त आर्थिक अपराध शाखा के पास पहुंचे। उनसे लगभग 14 करोड़ रुपये की ठगी आरोपितों द्वारा की गई थी। जनवरी 2017 में इस बाबत मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि आरोपितों ने फ्लैट की बुकिंग प्रोजेक्ट को अप्रूवल मिलने से पहले ही कर ली थी। पुलिस को यह भी पता चला कि आरोपितों ने एक ही फ्लैट कई लोगों को बेच दिए थे।
ठगी के लिए बनाई कंपनी
2006 में यह कंपनी दिवाकर ने ठगी के मकसद से बनाई थी। 2011 में पीयूष तिवारी इस कंपनी का निदेशक बना। दोनों ने मिलकर लोगों से पैसे एकत्रित किए और फरार हो गए। इस मामले में आरोपित दिवाकर शर्मा को एसआइ अमित कुमार ने मंडोली जेल से गिरफ्तार किया है। वह एक अन्य मामले में जेल में बंद था । वहीं दूसरा आरोपित पीयूष तिवारी फिलहाल फरार चल रहा है। उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। गिरफ्तार किया गया आरोपित दिवाकर शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएट है। वह पहले कृषि मंत्रालय में कर्मचारी था। इसके बाद वह विज्ञान मंत्रालय में सेक्शन अधिकारी बना था। बाद में अंडर सेक्रेट्री पोस्ट से उसने नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद उसने रियल स्टेट का कारोबार खोला और छोटे-छोटे प्रोजेक्ट बनाए, लेकिन बाद में वह लोगों से ठगी करने लगा।