दिल्ली पुलिस हुई फेल,दिल्ली में बेखौफ हैं अपराधी, अपराधों का ग्राफ बढ़ा

नई दिल्ली डेस्क। 2020 की तुलना में 2021 में दिल्ली का क्राइम ग्राफ 16.35 फीसदी बढ़ गया है। इसमें दुष्कर्म के मामलों में 21.69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बृहस्पतिवार को पुलिस मुख्यालय पर आयोजित वार्षिक प्रेसवार्ता में यह जानकारी दी। अस्थाना के मुताबिक, दिल्ली पुलिस ने 2030 तक अपना एक्शन प्लान तैयार कर लिया है। इसके तहत दिल्ली में निर्भया फंड से दिल्ली में दस हजार से ज्यादा सीसीटीवी लगाए जाएंगे। साथ ही कानून और यातायात व्यवस्था को और अधिक पुख्ता बनाने के लिए अलग से यूनिट बनाई जाएगी।
परिचित ही महिलाओं की आबरू के बने दुश्मन
राजधानी में परिचित ही महिलाओं की आबरू के दुश्मन साबित हो रहे हैं। इस वर्ष दिल्ली में दुष्कर्म के मामले में 21.69 फीसदी का इजाफा हुआ है। इनमें से करीब 1.5 फीसदी आरोपी अजनबी है।दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी में वर्ष 2021 में दुष्कर्म के 1969 मामले दर्ज किए गए। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष दुष्कर्म के मामले में 21.69 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020 में 1618 मामले दर्ज किए गए थे। इसके साथ ही महिलाओं का उत्पीड़न के मामलों में 17.51 फीसदी का इजाफा हुआ है। वर्ष 2021 में2429 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि वर्ष 2020 में 2067 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं, छेड़खानी मामले में 2.43 फीसदी का इजाफा हुआ है।आंकड़ों के मुताबिक दुष्कर्म के 45 फीसदी मामलों में पीड़िता के साथ परिवार के सदस्य या दोस्तों ने दुष्कर्म किया। 28 फीसदी लोग उनके दूर के परिचित थे। 13 फीसदी रिश्तेदार थे। जबकि 11 फीसदी पड़ोसी और एक फीसदी सहकर्मी हैं।दुष्कर्म के मामलों में अजनबियों की संलिप्तता साल दर साल घटी : दिल्ली में महिलाओें से दुष्कर्म के मामलों में अजनबियों की संलिप्तता में कमी आ रही है। पुलिस आयुक्त ने बताया कि इस वर्ष कुल मामलों में 1.5 फीसदी ऐसे मामले हैं जिसमें अजनबियों ने महिलाओं के साथ दुष्कर्म किया। दिल्ली पुलिस की ओर से वर्ष 2016 से लेकर इस साल तक के आंकड़े पेश किए गए है।

रंजिश में 36 फीसदी हत्याएं

राजधानी में रंजिश या विवाद में सबसे ज्यादा 36 फीसदी हत्याएं होती हैं। वर्ष 2021 के आंकड़े यहीं बता रहे हैं। इसके अलावा गुस्से में भी हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया। पुलिस ने वर्ष 2020 में हत्या के 1015 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। वहीं, वर्ष 2021 में हत्या के 1050 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने हत्या के दो आंकड़े पेश किए हैं। उनके  अनुसार दुश्मनी में 36 फीसदी हत्याएं हुई हैं। अचानक आए गुस्से में 30 फीसदी और आपराधिक वारदात में नौ फीसदी लोगों की हत्याएं हुई थीं।राजधानी में वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 में सबसे ज्यादा डकैती के मामलों में 166.67 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा वर्ष 2020 के मुकाबले वर्ष 2021 में राजधानी में अपराध का ग्राफ 16.35 फीसदी बढ़ा है। साथ ही जघन्य अपराध के मामलों में 4.10 फीसदी की वृद्धि हुई है। हालांकि, दर्ज मामलों को सुलझाने, बदमाशों को गिरफ्तार करने और सजा दिलाने में के मामले में दिल्ली पुलिस देश में सबसे अव्वल रही है।

दिल्ली पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने जय सिंह रोड स्थित नए पुलिस मुख्यालय में बृहस्पतिवार को आयोजित वार्षिक प्रेसवार्ता में सालाना रिपोर्ट पेश की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 में कुल आईपीसी की 238642 मामले दर्ज हुए थे। वहीं वर्ष 2021 में आईपीसी के तहत कुल 277664 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2020 के मुकाबले 2021 को देखे तो डकैती के बाद फिरौती के लिए अपहरण की वारदात बढ़ी हैं। वर्ष 2020 में फिरौती के लिए अपहरण के 10 मामले दर्ज हुए थे वहीं वर्ष 2021 में 16 मामले दर्ज हुए थे। इस हिसाब से फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में करीब 60 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि, हत्या व दंगों के मामले में कमी आई है।
लूटपाट, झपटमारी की रोज औसतन 33 वारदात
दिल्ली पुलिस स्ट्रीट क्राइम पर लगाम लगाने के बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन आंकड़े कुछ और बयां कर रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो राजधानी में लूटपाट, झपटमारी और डकैती की वारदात में पिछले साल के मुकाबले खासा इजाफा हुआ है। पिछले साल रोज औसतन 27 लोग लूटपाट, झपटमारी और डकैती का शिकार होते थे, लेकिन वर्ष 2021 में बढ़कर 33 से अधिक पर पहुंच गया है। इनमें भी झपटमारी को अलग कर दिया जाए तो उनकी संख्या करीब 26 है। दिल्ली पुलिस आयुक्त का कहना है कि पुलिस ने पिछले सालों के मुकाबले ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में लूटपाट, झपटमारी और डकैती की कुल 11742 वारदात हुई थीं। इस आंकड़े के मुताबिक हर दिन औसतन 33.16 लोग इन वारदात के शिकार हुए। पिछले साल वर्ष 2020 में कुल 9937 लोगों को लूटपाट, झपटमारी और डकैती का शिकार बनाया गया था। इसमें औसतन हर दिन 27.22 लोग शिकार हुए। वर्ष 2021 में झपटमारी की ही     बात करें तो रोजाना बदमाशों ने कुल 9383 लोगों के साथ झपटमारी की। वहीं 2359 लोगों को लूटपाट और डकैती का शिकार बनाया।
सबसे ज्यादा दोपहिया वाहनों की होती है चारी
दिल्ली में सबसे ज्यादा दोपहिया वाहन चोरी होते हैं। वर्ष 2021 में 73 फीसदी दोपहिया वाहन चोरी हुए थे। वहीं, वर्ष 2020 में 18 फीसदी चार पहिया चोरी हुए।  दिल्ली पुलिस के सालाना आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2021 में 37910 वाहन चोरी हुए थे। इनमें से 37658 वाहन चोरी की ई-एफआईआर दर्ज हुई। वर्ष 2020 में कुल 35019 वाहन चोरी हुए थे। इनमें से 34882 मामले ऑनलाइन दर्ज हुए थे। वर्ष 2021 में अपराध का जो डाटा है उसमें पहली बार अपराध करने वालों की संख्या ज्यादा है। पहली बार अपराध करने वाले 91 फीसदी लोग हैं।
भ्रष्ट आचरण और अनियमितता में फंसे अपने ही वरिष्ठ अधिकारी
दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भ्रष्ट आचरण और अनियमितता में फंसे। सतर्कता विभाग को ऐसे अधिकारियों के खिलाफ शिकायत मिली थी। विभाग ने शिकायतों की समयबद्ध जांच की और अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की। जांच करने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया के संबंध में सीवीसी दिशानिर्देशों को दर्शाया गया और जांच अधिकारियों के मार्गदर्शन के लिए संबंधित परिपत्र जारी किए गए। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक सतर्कता विभाग ने 207 मामलोें की जांच की। जिसमें से 92 पुलिस अधिकारियों को 37 मामलों में आरोप साबित हुए। जिन अधिकारियों के  खिलाफ आरोप साबित हुए उसमें एक अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, तीन पुलिस उपायुक्त, एक सहायक पुलिस आयुक्त, 19 निरीक्षक, 16 उप निरीक्षक, 11 सहायक उप निरीक्षक, 22 हवलदार और 19 सिपाही शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ आरोप साबित हुए। इसके अनुरूप इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई। ब्यूरो
पुलिस ने हजारों परिवारों को खुशियां लौटाईं
राजधानी में हर साल हजारों बच्चे लापता हो जाते हैं। इन बच्चों को तलाशना पुलिस के लिए एक चुनौती भरा काम है। पुलिस ने चुनौती स्वीकार करते हुए कई परिवारों को उनकी खुशियां लौटाईं। दिल्ली पुलिस के आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2021 में करीब 5772 बच्चे और युवक लातपा हुए थे। पुलिस ने अब तक 4293 बच्चों और युवक को सकुशल बरामद कर लिया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लापता बच्चों को तलाशने के लिए पुलिस ऑपरेशन स्माइल और ऑपरेशन मुस्कान अभियान चलाया। पुलिस के मुताबिक इस वर्ष 457 आठ साल व उससे कम उम्र के बच्चे गायब हुए थे।  इसके अलावा आठ से 12 साल के 480 और 12 साल से 18 साल के बीच 4835 किशोर और युवक गायब हो गए थे। दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया के जरिये आम लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है। संवेदनशील और फर्जी समाचारों से निपटने के लिए  दिल्ली पुलिस रीयल-टाइम अपडेट के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करना शुरू कर दिया है। पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बताया कि स्पेशल ब्रांच की देखरेख में सोशल मीडिया पर वारदात की जानकारी दी जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य अपराध की सही जानकारी देना होता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस पॉडकास्ट, किस्सा खाकी का लोगों के साथ पुलिस के रिश्ते को अगले स्तर पर ले जाता है। जहां हम अपनी कहानियों को खुले दिल से लोगों के साथ साझा करते हैं। यह अधिक आपसी विश्वास और बंधन बढ़ाने में मदद करता है, जिससे बेहतर पुलिसिंग सक्षम होती है। ट्विटर पर पुलिस सूचनात्मक प्रश्नोत्तर सत्र दिल्ली पुलिस और शहर के निवासियों के बीच बातचीत के लिए एक उत्कृष्ट अवसर के रूप में काम करते हैं। दिल्ली पुलिस शहर के निवासियों के लिए ट्विटर पर एक आस्क मी एनीथिंग सेशन आयोजित करती है ताकि संबंधित अधिकारी से सीधे विभिन्न प्रश्नों का समाधान किया जा सके।इसके अलावा पुलिस ट्विटर पर दिल्ली पुलिस क्विज का आयोजन कर रही है। अपने दिल्ली पुलिस को जानने के लिए प्रश्नोत्तरी कर जनता की राय इकट्ठा करने में मदद करती है। पुलिस यह जानने की कोशिश करती है कि दिल्ली पुलिस जो काम कर रही है, उसके बारे में लोगों को क्या पता है और उन कमियों को कैसे दूर किया जा सकता है।
10000 नए कैमरों से अपराध पर रखी जाएगी निगाह
राजधानी में अपराध के 90 फीसदी मामलों को सुलझाने में सीसीटीवी कैमरों का अहम योगदान रहता है। ऐसे में दिल्ली पुलिस 10 हजार और नए सीसीटीवी कैमरे लगवाने की तैयारी कर रही है। पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने बृहस्पतिवार को इसकी जानकारी दी। फिलहाल पुलिस ने अलग-अलग जगहों पर 15,215 कैमरे लगा रखे हैं। सेफ सिटी प्रोजेक्ट के तहत इन कैमरों को लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए दिल्ली पुलिस मुख्यालय में आधुनिक सॉफ्टवेयर से लैस कमांड रूम तैयार किया जाएगा। दिल्ली के सभी सीसीटीवी कैमरों को इस कमांड रूम से जोड़ा जाएगा। आयुक्त ने बताया कि 16 फरवरी को दिल्ली पुलिस के स्थापना दिवस के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस से 5 से 25 साल का खाका तैयार करने के लिए कहा था। इसी की तैयारी के लिए कैमरों को लगाया जाएगा। फिलहाल राजधानी में दिल्ली सरकार और पब्लिक की ओर से लगाए गए 1.40 कैमरे मौजूद हैं। इसके अलावा 15 हजार से अधिक दिल्ली पुलिस के कैमरे मौजूद हैं। 10 हजार नए कैमरे लगने के बाद दिल्ली पुलिस की ताकत और बढ़ जाएगी।

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