फर्जी दस्तावेजों से संविदाकर्मी बन बैठा डूडा का पीओ

सहारनपुर,(उत्तर प्रदेश)। डूडा सहारनपुर में फर्जी दस्तावेजों के जरिए परियोजना अधिकारी बनकर 22 माह 12 दिन नौकरी करने वाले डॉ. अनुज प्रताप सिंह ने डूडा में अपनी सर्विस बुक तक जमा नहीं कराई थी। इसके बावजूद सीधे लखनऊ से अनुज का वेतन जारी होता रहा। यही नहीं जब जांच शुरू हुई तो चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने भी गुमराह करते हुए यह नहीं बताया कि अनुज छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में संविदा कर्मी है। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के सर छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में संविदा पर तैनात डॉ. अनुज प्रताप सिंह ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर खुद को स्थायी असिस्टेंट प्रोफेसर बताया और डूडा में प्रतिनियुक्ति पर परियोजना अधिकारी बन गया। प्रतिनियुक्ति पर सहारनपुर में तैनाती होते ही अनुज से सर्विस बुक जमा कराने को कहा गया था पर उसने जमा नहीं की। अनुज की नियुक्ति के समय ही डूडा के परियोजना अधिकारियों का वेतन सीधे लखनऊ से आहरित करने की व्यवस्था हो गई। इससे उसे सीधा लखनऊ से ही वेतन मिलता रहा। अनुज ने छोटूराम इंजीनियरिंग कॉलेज में फर्जी वेतन स्लिप तैयार कर सूडा में जमा कर दी। इस मामले में विजिलेंस जांच भी चल रही है। हाल ही में मामला सामने आने पर अनुज के खिलाफ लखनऊ में ही एफआईआर दर्ज कराई गई है। इस मामले में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के भी कई अधिकारी संदेह के दायरे में आ गए हैं। सूडा के उच्चाधिकारियों ने जब विवि अफसरों के पास अनुज की नौकरी के सत्यापन के लिए पत्र भेजा तो उन्होंने उसे बचाते हुए सही तथ्य छिपा लिए।

प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत महानगर में अभी तक करीब 18,000 आवास बनकर तैयार होना बताया गया है। यह आवास 2014 से अभी तक बने हैं। डॉ. अनुज प्रताप सिंह के परियोजना अधिकारी रहने के दौरान 3,600 नए आवासों की डीपीआर बनकर तैयार हो गई थी। शासन से स्वीकृति मिल गई है। विभाग से जानकारी मिली है कि जिला अधिकारी के द्वारा इन 3,600 लोगों की पात्रता की जांच कराई जा रही है, जो नगर निगम के अधिकारी रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button