अनाथ बच्चे का जबरन करा दिया खतना,बच्चे के मतांतरण मामले में 5 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज
गाजियाबाद ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले से मतांतरण का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। एक शख्स ने बच्चे को गोद लेकर उसका खतना करा दिया है। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपत को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही चार अन्य आरोपित अभी फरार चल रहे हैं। आरोपित ने अनाथ बच्चे को गोद लिया था। मुख्य आरोपित की पहचान बुलंदशहर जिले के अगौता क्षेत्र के लोहरा गांव निवासी उमर मोहम्मद के रूप में हुई है। जिसे गाजियाबाद जिले की कविनगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लोहामंडी चौकी प्रभारी यशपाल सिंह की शिकायत पर शुक्रवार को पांच लोगों के खिलाफ कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। ये आरोपित औरंगाबाद (बिहार) जिले में रफीगंज के कपूर बीघा गांव निवासी कुन्नी देवी उर्फ सोनी, उसके पति मिथलेश यादव, अगौता (बुलंदशहर) के लोहरा गांव निवासी जुल्फिकार, उमर मोहम्मद और उसकी पत्नी बबली हैं। इसमें उमर गिरफ्तार हो चुका है, बाकी चारों की तलाश की जा रही है।बिहार के औरंगाबाद के रफीगंज गांव की रहने वाली महिला अंशु का एक हादसे में मौत हो गई थी, जिनका एक 9 साल का बच्चा था। पिता के बारे में पता नहीं चल पाया है। महिला की दोस्त अंशु उसके बच्चे का पालन पोषण कर रही थी। इसी साल अप्रैल में लोहामंडी में काम करने वाले उमर ने सहकर्मी सोनी के पति मिथिलेश से बात कर बच्चा अपने कब्जे में लेकर उसका पालन पोषण करने लगा। मथिलेश और उसके पति ने बताया कि जुल्फिकार ने नोटेरी करा बच्चे को गोद लिया था, जबकि केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) की वेबसाइट पर आवेदन कर ही बच्चा गोद लिया जा सकता है।आरोप है कि उमर ने बच्चे को सुपुर्दगी में लेते ही उसका खतना करा मतांतरण करा दिया गया। आठ जून को ट्विटर पर वीडियो के साथ शिकायत की गई थी, जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और बच्चे को बरामद कर लिया था। बृहस्पतिवार को बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने बच्चे को बाल गृह भेज दिया था।
बच्चे ने लगाया था बेचने का आरोप
पुलिस के मुताबिक बच्चा सोनी को मां और मिथिलेश को पापा कहता है, क्योंकि छोटी उम्र में ही उसने अपनी मां को खो दिया था। बरामदगी के बाद बच्चे ने कहा था कि पापा ने मुझे मुस्लिम व्यक्ति को बेच दिया था। उमर समेत पांचों पर गलत तरीके से गोद लेने और मतांतरण का आरोप तो पहले से ही था। बच्चे के बयान के बाद मानव तस्करी के भी आरोपित बनाए जा सकते हैं। यही वजह है कि पुलिस ने तुरंत अपनी ओर से रिपोर्ट दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है। उधर सीडब्ल्यूसी बच्चे के सामान्य होने का इंतजार कर रही है, क्योंकि बच्चा काफी डरा हुआ था। उसकी काउंसिंलिंग के दौरान बयान दर्ज किए जाएंगे और इसके आधार पर तैयार रिपोर्ट पुलिस को सौंपी जाएगी। पुलिस की विवेचना के लिए यह रिपोर्ट काफी अहम होगी।