आनंद विहार बस अड्डे में बनेगा रैपिड रेल का पहला अंडरग्राउंड स्टेशन, तेजी से हो रहा टनल बनाने का काम

नई दिल्ली। आनंद विहार बस अड्डा परिसर में रैपिड रेल का पहला अंडरग्राउंड स्टेशन बनेगा। आनंद विहार से न्यू अशोक नगर की ओर दूसरी टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) सुदर्शन ने टनल का काफी बड़ा हिस्सा बनाकर तैयार भी कर दिया है। इस मशीन की मदद से न्यू अशोक नगर की दिशा में ही पहले से चल रही एक टीबीएम समानांतर टनल बनाएगी। वहीं आनंद विहार से साहिबाबाद की ओर लगभग दो किलोमीटर लंबी दूसरी टनल का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा।

न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन की ओर पहली टीबीएम तेजी से टनल बना रही है। अब दूसरी टीबीएम की असेंबलिंग भी पूरी हो चुकी है और इस टीबीएम ने भी आनंद विहार से न्यू अशोक नगर आरआरटीएस स्टेशन की दिशा में टनल बनाने का काम शुरू कर दिया है। दोनों टीबीएम न्यू अशोक नगर की ओर ट्रेनों के आने और जाने के लिए दो समानांतर टनल बना रही हैं। टनल बनने के बाद दोनों टीबीएम को खिचड़ीपुर में बनाई गई रिट्रीविंग शाफ्ट से बाहर निकाला जाएगा। इसके बाद कॉरिडोर का एलिवेटेड हिस्सा शुरू हो जाएगा। दिल्ली में इस कॉरिडोर के सराय काले खां, न्यू अशोक नगर और आनंद विहार तीन स्टेशन हैं। इनमें से सिर्फ आनंद विहार स्टेशन ही भूमिगत है।
तेजी से हो रहा टीबीएम की असेंबलिंग का काम
साहिबाबाद की दिशा में टनल बनाने के लिए टीबीएम की असेंबलिंग भी तेजी से की जा रही है। यह टीबीएम आनंद विहार स्टेशन से साहिबाबाद स्टेशन की ओर लगभग दो किलोमीटर लंबी टनल बनाएगी। साहिबाबाद के पास वैशाली में इसका रिट्रीविंग शाफ्ट बनाया जा रहा है। टीबीएम द्वारा टनल सेगमेंट्स की मदद से जमीन के अंदर टनल के रिंग बनाए जाते हैं। इसके लिए आम तौर पर सात टनल सेगमेंट्स का उपयोग किया जाता है। एनसीआरटीसी के कास्टिंग यार्ड में सुनिश्चित और गुणवत्ता नियंत्रण के साथ सुरंग सेगमेंट्स का निर्माण किया जा रहा है।
सुरक्षा का रखा जा रहा पूरा ध्यान
बड़े रोलिंग स्टॉक और 180 किमी प्रति घंटे की उच्च डिजाइन गति के कारण देश में अन्य मेट्रो प्रणालियों की तुलना में आरआरटीएस की टनल को 6.5 मीटर व्यास का बनाया जा रहा है। आरआरटीएस के भूमिगत हिस्सों में ट्रेनों के आने-जाने के लिए समानान्तर दो टनल का प्रावधान है। आपात स्थिति के लिए भूमिगत हिस्सों में आपातकालीन निकास बनाए जाएंगे। लगभग हर 250 मीटर पर एक क्रॉस पैसेज भी होगा। टनल के अंदर ऑक्सीजन लेवलकी मात्रा बनाए रखने के लिए वेंटिलेशन डक्ट भी बनाए जाएंगे।

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