करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले दो अंतरराज्यीय ठग गिरफ्तार
नोएडा। केवाईसी अपडेट कराने के नाम पर अलग-अलग मोबाइल कंपनियों का प्रबंधक बन लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के दो शातिर ठगों को सोमवार को सेक्टर-36 स्थित साइबर क्राइम थाने की टीम ने दिल्ली से दबोच लिया। इनके साथियों के बारे में टीम जानकारी जुटा रही है। आरोपितों की पहचान झारखंड निवासी प्रदीप मंडल और दिल्ली निवासी मोनू बंसल के रूप में हुई है। प्रदीप मंडल के बैंक खाते से 80 लाख और मोनू के खाते से 15 लाख का ट्रांजेक्शन होना पाया गया है।
साइबर क्राइम एसपी त्रिवेणी सिंह ने बताया कि केवाईसी के नाम पर आरोपितों ने अबतक बीस करोड़ से अधिक की ठगी लोगों के साथ की है। बीते वर्ष आठ जुलाई को गाजियाबाद निवासी सुबीर शंकर ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि 27 जून को उनके मोबाइल पर एक मैसेज आया जिसमें केवाईसी अपडेट नहीं कराने पर एयरटेल सिम बंद होने की बात कही गई। मैसेज के थोड़ी देर बाद ही एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को एयरटेल कस्टमर केयर का मैनेजर बताकर बैंक संबंधी जानकारी हासिल की और मोबाइल पर क्विक सपोर्ट एप्लीकेशन डाउनलोड कराया। ऐसा करते ही पीड़ित के खाते से दो लाख 12 हजार 967 रुपये की रकम निकल गई।
आरोपितों ने बताया कि केवाईसी के अलावा वह लाटरी और कीमती उपहार भेजने के नाम पर भी ठगी करते हैं। आरोपित केवाईसी अपडेट कराने व पेंशनरों की पेंशन आनलाइन अपडेट कराने के लिए मैसेज करते हैं और क्विक सपोर्ट एप्लीकेशन डाउनलोड कराते ही पीड़ित के मोबाइल का कंट्रोल अपने हाथ में ले लेते हैं और लोगों के बैंक खातों से रुपये अपने खाते या क्रेडिट कार्ड में ट्रांसफर कर लेते हैं।
एसपी साइबर क्राइम त्रिवेणी सिंह ने बताया कि प्रदीप 2019 में नई दिल्ली के जगतपुरी और दरियागंज थाने से जेल जा चुका है। प्रदीप का मामा प्रमोद मंडल भी इस समय ठगी के आरोप में जिला कारागार लखनऊ में है। मोनू बंसल ने बताया कि वह कपड़ों के लेबल टैग का व्यापार करता था। व्यापार के दौरान ही उसकी मुलाकात प्रदीप से हुई और उसने कमीशन पर क्रेडिट कार्ड में रुपये डालने का प्रलोभन दिया और समय-समय पर क्रेडिट कार्ड में 25 लाख रुपये डाले।
दर्जनों लोग हैं गिरोह में शामिल साइबर क्राइम थाने की प्रभारी रीता यादव ने बताया कि पूरा गिरोह जामताड़ा से आपरेट किया जाता है। हर विभाग के लिए अलग-अलग लोग हैं। कोई सिर्फ लोगों को काल कर उन्हें अपने जाल में फंसाता है तो कोई अकाउंट का काम देखता है। कोई डाटा खरीदता है तो कोई पैसों को इधर से उधर ट्रांसफर करता है।