केजरीवाल के मंत्री सत्येंद्र जैन के परिवार और फर्मों की संपत्ति कुर्क

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सीबीआई द्वारा दर्ज FIR के आधार पर दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू करने के बाद 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क कर लिया है। मंगलवार को इस मामले में पूरे दिन हलचल मची रही। प्रवर्तन निदेशालय ने ये कार्रवाही पीएमएलए 2002 के तहत की है। इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई में शिवसेना नेता संजय राउत की संपत्तियों को भी इस मामले में कुर्क किया गया है। जांच एजेंसी ने संजय राउत के अलीबाग प्लॉट और दादर में एक फ्लैट को कुर्क किया।मालूम हो कि सीएम अरविंद केजरीवाल की सरकार में सत्येंद्र जैन के पास स्वास्थ्य, बिजली, गृह, पीडब्ल्यूडी, उद्योग, शहरी विकास, बाढ़, सिंचाई और पानी मंत्रालय है। इससे पहले ईडी ने उनसे साल 2018 में शकूर बस्ती के आम आदमी पार्टी (आप) विधायक से मामले के सिलसिले में पूछताछ भी की थी। इस बीच दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने एक बयान जारी करके कहा है कि दिल्ली सरकार को ऐसे मामले में फंसे अपने मंत्रियों को बर्खास्त करना चाहिए। वो अपनी पार्टी को भ्रष्टाचार मुक्त करने की बात करते हैं मगर उनके मंत्री ही इस तरह से भ्रष्टाचार मामले में शामिल पाए जा रहे हैं।

एएनआइ के अनुसार ईडी की जांच में पाया गया कि 2015-16 के दौरान जब सत्येंद्र जैन एक लोक सेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला मार्ग के माध्यम से कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों (Shell Companies) से 4.81 करोड़ रुपये की प्राप्ति हुईं थी। ईडी ने अपनी रिपोर्ट में उल्लेख किया कि इस रकम का उपयोग जमीन की खरीद या अन्य इलाकों में कृषि भूमि की खरीद हेतु लिए गए ऋण की रकम अदायगी के लिए किया गया था।ईडी ने जो संपत्ति कुर्क की है उसमें 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इंपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, जे.जे. आइडियल एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड के अलावा चीजें शामिल हैं।

साल 2007 में, एचडीआईएल (हाउसिंग डेवलपमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड) की सहायक कंपनी गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को MHADA (महाराष्ट्र हाउसिंग एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) द्वारा पात्रा चॉल के पुनर्विकास के लिए कॉन्ट्रैक्ट मिला था। गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को पात्रा चॉल के 672 किराएदारों के लिए फ्लैट तैयार करना था और करीब 3000 फ्लैट म्हाडा को सौंपने थे। कुल भूमि 47 एकड़ थी। म्हाडा और पात्रा चॉल के किरायेदारों को फ्लैट सौंपने के बाद, गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन को शेष भूमि को बिक्री और विकास के लिए अनुमति देनी थी। लेकिन गुरुआशीष कंस्ट्रक्शन ने म्हाडा को दिए जाने वाले पात्रा चॉल या किसी अन्य फ्लैट का विकास नहीं किया, बल्कि उसने करीब आठ अन्य बिल्डरों को 1,034 करोड़ रुपये में जमीन बेच दी। प्रवीण राउत, जिन्हें अब ईडी ने गिरफ्तार किया है, एचडीआईएल के सारंग और राकेश वधावन के साथ फर्म के निदेशकों में से एक थे, जो पीएमसी बैंक घोटाला मामले में मुख्य आरोपी हैं।

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