अब झूठी या फर्जी पीसीआर कॉल की तो परेशानी में पड़ जाएंगे
नई दिल्ली। ‘यहां पर हिंदू-मुस्लिम झगड़ा हो गया है, तुरंत पुलिस भेजी जाए…।’ यह कॉल फरवरी 2020 में सांप्रदायिक दंगे का दंश झेल चुके नॉर्थ ईस्ट जिले के वेलकम थाना इलाके से पुलिस कंट्रोल रूम को मिली थी। इससे आला अफसरों तक के कान खड़े हो गए। तुरंत पुलिस फोर्स मौके पर भेजी गई तो पता चला झूठी कॉल की गई थी। पुलिस ने झूठी कॉल करने का मुकदमा दर्ज कर लिया। आरोपी कोर्ट में पेश हुआ तो जुर्म कबूल कर लिया। अदालत ने 200 रुपये का जुर्माना और कोर्ट चलने तक कैद की सजा सुनाई। दिल्ली पुलिस की तरफ से अब झूठी और दुर्भावना से प्रेरित होकर गलत कॉल करने वालों के खिलाफ लगातार एक्शन लिया जा रहा है। इसलिए झूठी और फर्जी कॉल भूलकर भी ना करें।
नाली की मरम्मत से नाराज होकर की थी फर्जी कॉल
पुलिस अफसरों ने बताया कि हिंदू-मुस्लिम झगड़े की कॉल 19 फरवरी 2022 को वेलकम इलाके के कबीर नगर निवासी रोहित ने किया था। तफ्तीश में पता चला कि रोहित के घर के पीछे की गली की नाली की मरम्मत के लिए ईस्ट एमसीडी का स्टाफ आया था। रोहित इस पर आपत्ति जता रहा था, क्योंकि पड़ोसी से उसका अदालत में सिविल केस पेंडिंग था। इसलिए उसने झूठी पीसीआर कॉल कर दी थी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 182 के तहत कलंदरा बनाकर कोर्ट में पेश किया। कड़कड़डूमा कोर्ट में आरोपी रोहित ने 26 मार्च 2022 को अपनी गलती मान ली। अदालत ने फैमिली का रोजी-रोटी कमाने वाला होने और आपराधिक केस में कभी दोषी नहीं पाए जाने से 200 रुपये जुर्माना और कोर्ट चलने तक की सजा दी।
जानकार को फंसाने के लिए पैसे छिनने की झूठी कॉल
इसी तरह की झूठी कॉल वेलकम के कबीर नगर निवासी अब्दुल रईस ने 21 जनवरी 2022 को की थी। उन्होंने कॉल कर बताया कि मारपीट कर उनके पैसे छीने गए हैं। जल्दी पुलिस भेजी जाए। लूट की कॉल मिलने पर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे। तफ्तीश में कुछ भी ऐसा सामने नहीं आया। रईस से पूछताछ की तो पता चला कि वह अपने जानकार के साथ ऑनलाइन लूडो खेल रहा था। इस दौरान वह पैसे हार गया। जानकार को फंसाने के लिए उसने झूठी कॉल कर दी। पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज किया। कोर्ट में कलंदरा पेश किया गया तो आरोपी रईस ने 26 मार्च 2022 को अदालत में जुर्म कबूल लिया। आरोपी को दोषी पाते हुए कोर्ट ने 200 रुपये फाइन और अदालत चलने तक कैद की सजा दी।
कोर्ट ने चेतावनी देकर छोड़ा
यमुना विहार निवासी दिशांत ने 28 दिसंबर 2021 को पुलिस कॉल करके बताया कि दो बाइक सवार बदमाश उनका फोन छीनकर ले गए हैं। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो बताए वक्त पर कोई भी इस तरह की बाइक गुजरती नहीं दिखी। दिशांत से सख्ती से पूछा तो उसने बताया कि पांच दिन पहले ही उसके बड़े भाई ने फोन दिलाया था, जो उससे गुम हो गया है। डर की वजह से दोस्त के फोन से कॉल कर दिया। पुलिस ने झूठी कॉल का केस दर्ज किया। दिशांत ने कोर्ट के सामने अपनी गलती मान ली तो मैजिस्ट्रेट उसकी 23 साल की उम्र और इस मामले में दो साल से ज्यादा की सजा नहीं होने पर नरमी बरतते हुए चेतावनी देकर छोड़ दिया।