बनारस में एसटीएफ से मुठभेड़ में दो लाख का इनामी शातिर अपराधी ढेर, कई जिलों में था आतंक
बनारस। बनारस का मोस्ट वांटेड अपराधी मनीष सिंह सोनू सोमवार को रिंग रोड के समीप मुठभेड़ में मारा गया। दो लाख के इनामी मनीष के पीछे यूपी एसटीएफ की टीम और वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस कई दिनों से लगी हुई थी। सोमवार दोपहर वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र के बनकट रेलवे क्रासिंग के पास मनीष सिंह के होने की खबर मिली। जिसके बाद यूपी एसटीएफ की टीम ने अपर पुलिस अधीक्षक विनोद कुमार सिंह के नेतृत्व में घेराबंदी की। मनीष सिंह सोनू ने पुलिसकर्मियों पर फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से वो घायल हो गया। अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया। वहीं मनीष का एक साथी मौके से फरार होने में सफल रहा। मौके से अपराधी के पास से 38 बोर की एक पिस्टल, 9 एमएम की कार्बाइन और 20 से कारतूस बरामद हुए। मृतक का एक साथी मौके से फरार हो गया है।
लंका थाना क्षेत्र के नरोत्तमपुर निवासी अनिल सिंह का बेटा मनीष सिंह सोनू वाराणसी पुलिस के लिए एक अबूझ पहेली बना हुआ था। दो लाख के इनामी बदमाश मनीष सिंह सोनू पर वाराणसी, मिर्जापुर, आजमगढ़ सहित अन्य जनपदों के विभिन्न थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, लूट सहित विभिन्न आरोपों में 36 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं।
पहले सोनू पर एक लाख का इनाम घोषित था, लेकिन बीते साल 28 अगस्त को चौकाघाट काली मंदिर के पास हुए डबल मर्डर की घटना में सोनू सीसीटीवी फुटेज में चिन्हित हुआ था। डबल मर्डर में सोनू का नाम आने पर एडीजी जोन की संतुस्ति पर दो लाख का इनाम कर दिया गया था। तब से पुलिस उसके पीछे लगी हुई थी। शुरू से ही अपराधिक मानसिकता का मनीष सिंह सोनू जवानी की दहलीज में कदम रखते के साथ ही जरायम की दुनिया में बेताज बादशाह बनना चाहता था। वाराणसी के उंदी गांव में रहते हुए उसने अपने साथियों के साथ मिल कर कई वारदात को अंजाम दिया। जिसमें वह जेल भी गया और चार साल जेल में रहने के बाद वापस आया। जेल से वापस आने के बाद भी वो कई वारदातों में शामिल रहा।
पहले सोनू पर एक लाख का इनाम घोषित था, लेकिन बीते साल 28 अगस्त को चौकाघाट काली मंदिर के पास हुए डबल मर्डर की घटना में सोनू सीसीटीवी फुटेज में चिन्हित हुआ था। डबल मर्डर में सोनू का नाम आने पर एडीजी जोन की संतुस्ति पर दो लाख का इनाम कर दिया गया था। तब से पुलिस उसके पीछे लगी हुई थी। शुरू से ही अपराधिक मानसिकता का मनीष सिंह सोनू जवानी की दहलीज में कदम रखते के साथ ही जरायम की दुनिया में बेताज बादशाह बनना चाहता था। वाराणसी के उंदी गांव में रहते हुए उसने अपने साथियों के साथ मिल कर कई वारदात को अंजाम दिया। जिसमें वह जेल भी गया और चार साल जेल में रहने के बाद वापस आया। जेल से वापस आने के बाद भी वो कई वारदातों में शामिल रहा।