कभी रुकी थी प्रभु श्रीराम की बारात, अब बिहार में बनेगा विश्व का सबसे बड़ा मंदिर, 33 फीट ऊंचा शिवलिंग भी होगा स्थापित

चंपारण। देश के स्वतंत्रता संग्राम में चंपारण सत्याग्रह का जिक्र करें, तो महात्‍मा गांधी को देश के करीब लाने और सत्याग्रह जैसे आजादी की लड़ाई के नए हथियार को मजबूती प्रदान करने में चंपारण सत्याग्रह का अमूल्य योगदान है। नेपाल की सीमा पर बसा बिहार का मोतिहारी एक  बार फिर नई गाथा लिखने की तैयारी कर रहा है। ये तैयारी बिना किसी रूकावट के पूरी हो जाती है तो एक बार फिर विश्व पटल पर चंपारण का नाम स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। नेपाल की सीमा से सटे प्रांत को मोतिहारी के नाम से भी जाना जाता है जहां प्रस्तावित दुनिया के सबसे बड़े मंदिर का निर्माण शुरू हो गया है जिसे विराट रामायण मंदिर के नाम से जाना जाता है।

मुस्लिम परिवार ने दान में दी जमीन 

प्रभु राम हर किसी के दिल में बसते हैं चाहे वो किसी भी धर्म का क्यों न हो। हम ये बात इसलिए कह रहे हैं क्योंकि चंपारण के इश्तियाक अहमद ने रामायण मंदिर के लिए लाख-दो लाख नहीं बल्कि ढाई करोड़ की जमीन बिना कोई पैसा लिए दे दी।इश्तियाक ने अपनी 23 कट्ठा जमीन दान में दी है।  जमीन दान देकर अहमद ने भाईचारे का संदेश दिया है।

270 फीट का विराट रामायण मंदिर 

पूर्वी चंपारण में दुनिया के सबसे ऊंचे यानी 270 फीट के विराट रामायण मंदिर का निर्माण 125 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित है। कहा जा रहा है कि विराट रामायण मंदिर कंबोडिया में विश्व प्रसिद्ध 12वीं शताब्दी के अंकोरवाट परिसर से भी ऊंचा होगा जिसकी उंचाई 215 फीट है। श्री महावीर स्थान न्यास समिति के द्वारा ये निर्माण कराया जा रहा है। अब तक इस मंदिर के लिए 125 एकड़ में सौ एकड़ जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। ये मंदिर 1080 हजार फीट ऊंचा और 540 फीट चौरा होगा।

सबसे बड़ा शिवलिंग होगा स्थापित 

इस मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग भी स्थापित होगा जिसकी ऊंचाई 33 फीट की होगी। ब्लैक ग्रेनाइट से बने शिवलिंग का वजन 250 टन का होगा। जिसका निर्माण तमिलनाडु के महाबलीपुरम में हो रहा है। अभी तंजौर में 27 फीट का शिवलिंग विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग माना जाता है।

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