युद्ध में फंसे देशों से भारत की जरूरतें जुड़ी हैं, हम शांति चाहते हैं: पीएम मोदी

नयी दिल्ली। रूस और यूक्रेन के मध्य जारी युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत की बहुत सारी जरूरतें इसमें सीधे तौर पर शामिल देशों से जुड़ी हैं, लेकिन भारत शांति के पक्ष में है और उसे उम्मीद है कि वार्ता के जरिए इसका जरूर कोई ना कोई समाधान निकलेगा।युद्धग्रस्त यूक्रेन से भारतीयों की निकासी के लिए चलाए गए अभियान पर सवाल उठाने के लिए उन्होंने विपक्षी दलों को आड़े हाथ लिया और कहा, ‘‘इन लोगों ने ऑपरेशन गंगा को भी प्रदेशवाद की बेड़ियों में बांधने की कोशिश की। हर योजना, हर कार्य को क्षेत्रवाद, प्रदेशवाद और सम्प्रदायवाद का रंग देने का प्रयास भारत के उज्जवल भविष्य के लिए बहुत बड़ी चिंता का विषय है।’’

चार राज्यों में भाजपा की जीत के बाद पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जो देश सीधे जंग लड़ रहे हैं, भारत का उनसे आर्थिक, सुरक्षा, शिक्षा व राजनीतिक दृष्टि से नाता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की बहुत सारी जरूरतें इन देशों से जुड़ी है।’’उन्होंने कहा, ‘‘इस युद्ध से हर देश प्रभावित हो रहा है। भारत शांति के पक्ष में है और उम्मीद करता है कि बातचीत के जरिए सभी समस्याओं का हल निकलेगा।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जो कच्चा तेल, पाम ऑयल, सूरजमुखी का तेल मंगाता है, उसकी कीमतें भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत तेजी से बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘‘सभी की कीमतों में कल्पना से परे उछाल हुआ है। पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ रही है। विकासशील देशों को भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।’’ उन्होंने कहा कि इस वैश्विक संदर्भ में और इन कठिनाइयों के बीच इस बार के आम बजट पर नजर डालें तो एक विश्वास पैदा होता है कि देश आत्मनिर्भर भारत अभियान के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।उन्होंने कहा, ‘‘इस भावना को इस बार के बजट से और ऊर्जा मिली है। विपरीत वातावरण, दुनिया में मची उथल-पुथल और अनिश्चचितता से भरे माहौल में देश की जनता ने विशेषकर उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने इन चुनावों में अपनी दूरदृष्टि का परिचय दिया है।भारत के मतदाताओं ने जिस तरह इन चुनावों में स्थिर सरकारों के लिए मतदान किया है, वह इस बात को प्रतिबिंबित करता है कि लोकतंत्र भारतीयों की रगों में है।

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