सूमी से भारतीयों को निकालने का मिशन हुआ शुरू, रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फंसे हैं करीब 700 छात्र
कीव। रूस और यूक्रेन के बीच तेरहवें दिन भी युद्ध चल रहा है। ऐसे में भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है। इसी बीच दिल को तसल्ली देने वाली एक शानदार खबर सामने आ रही है। आपको बता दें कि सूमी में फंसे करीब 700 भारतीयों को निकालने का मिशन शुरू हो चुका है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सूमी से निकाले जा रहे छात्रों के साथ रेड क्रास और भारतीय दूतावास के अधिकारी मौजूद हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूमी में फंसे 700 भारतीय छात्रों को रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से नहीं निकाला जा सका है। हालांकि रूस ने सीजफायर का ऐलान करते हुए मानवीय गलियारा बनाने का ऐलान किया था। जिसके माध्यम से वहां से छात्रों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है। आपको बता दें कि सूमी में फंसे भारतीयों को पोल्टावा और बेलगॉरॉड के रास्ते निकाला जाएगा। सबसे पहले भारतीयों को इन स्थानों तक पहुंचाया जाएगा और फिर उन्हें सड़क, रेल, और हवाई ट्रांसपोर्ट के माध्यम से एक तय किए गए स्थानों पर भेजा जाएगा। रिपोर्ट्स के मुताबिक पोल्टावा शहर में भारतीय दूतावास की टीमें मौजूद हैं, जो अपनी जान जोखिम में डालकर छात्रों और नागरिकों को निकालने की पूरी कोशिशें कर रहे हैं।
केंद्रीय मंत्री ने दी यह जानकारी
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि सूमी शहर से भारतीय छात्रों को निकालना शुरू कर दिया गया है और छात्र बसों में सवार हो कर पोल्तावा के लिए रवाना हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि मैंने नियंत्रण कक्ष में बात की है, बीती रात तक सूमी में 694 भारतीय छात्र थे। वे सभी आज बसों से पोलतावा के लिए रवाना हो चुके हैं। आपको बता दें कि सूमी में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमीर जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों को सूमी से भारतीयों को निकालने की तरीकों के बारे में जानकारी दी थी। युद्धग्रस्त यूक्रेन से अबतक 17,100 से अधिक भारतीयों की वतन वापसी हो चुकी है।