दो मासूम बहनों को अगवा कर रहे युवक को ई-रिक्शा चालक ने पकड़वाया
राजीव गौड़,(दिल्ली ब्यूरो)। विवेक विहार इलाके में मंदिर के बाहर प्रसाद ले रही दो सगी बहनों का एक युवक ने अपहरण कर लिया। वह बच्चियों को बहला-फुसला कर एक ई-रिक्शा में बैठा कर ले जाने लगा। ई-रिक्शा चालक को युवक की हरकतों से उस पर शक हुआ। इस पर उसने युवक से कुछ पूछना चाहा तो वह उल्टे जवाब देने लगा। ई-रिक्शा चालक को लगा कि कुछ गड़बड़ है। चालक ने ई-रिक्शा को रोक कर वहां खड़े यातायात पुलिस कर्मी को पूरी बात बताई। उस पुलिस कर्मी ने युवक से पूछताछ की तो मालूम हुआ कि वह भीख मंगवाने के लिए बच्चियों का अपहरण करके ले जा रहा था। इस पर काल कर स्थानीय थाने की पुलिस को वहां बुलाया गया और आरोपित संजय को उनके हवाले किया गया। पुलिस ने आरोपित के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया है। वह बिहार के छपरा जिले के माझी थाना क्षेत्र के गांव परिहार का रहने वाला है। बच्चियों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है। ई-रिक्शा चालक ब्रह्मदत्त राजपूत ने बताया कि वह शुक्रवार को विवेक विहार स्थित बालाजी मंदिर के पास से गुजर रहे थे। तभी आरोपित संजय ने उन्हें रोका और वह दो बच्चियों के साथ सीमापुरी के पास चिंतामणि चौक तक जाने के लिए उनके ई-रिक्शा में सवार हो गया। आरोपित की हरकतें सामान्य नहीं थीं।
वह बच्चियों से अजीब बर्ताव कर रहा था। यह देख कर उन्हें उस पर शक हुआ। बच्चियों के बारे में जैसे ही आरोपित से कुछ पूछना चाहा तो वह गुस्सा होकर उल्टा जवाब देने लगा। इससे उनका शक और गहरा हो गया। तब उन्होंने आगे चल कर सड़क पर खड़े यातायात पुलिस कर्मी को पूरी बात बताते हुए उनसे मदद की गुहार लगाई। पुलिस कर्मी ने पूछताछ की तो उसने सबकुछ उगल दिया। पुलिस ने बताया कि एक बच्ची की उम्र चार और दूसरी बच्ची की उम्र सात साल है। दोनों सगी बहनें हैं। इनके माता-पिता मंदिर के पास ही मजदूरी करते हैं। बच्चियों को उनके माता-पिता को सौंप दिया गया है।
ई-रिक्शा चालक ब्रह्मदत्त राजपूत की सजगता ने दोनों बहनों को भीख मांगवाने वालों के चंगुल में फंसने से बचा लिया। इस साहसिक कार्य के लिए पुलिस ने ब्रह्मदत्त को सम्मानित किया है। शाहदरा डीसीपी आर सत्यसुंदरम ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाकर सम्मानित किया। डीसीपी ने कहा कि ब्रह्मदत्त ने एक उदाहरण स्थापित किया है कि कैसे जनता दिल्ली पुलिस की आंख व कान बन कर अपराध होने से रोक सकती है।