दिल्ली दंगा मामले में हाईकोर्ट ने अनुराग ठाकुर, राहुल-सोनिया-प्रियंका गांधी को भेजा नोटिस

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को दिल्ली दंगों के सिलसिले में भड़काऊ भाषण देने के मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, अमानतुल्ला खान, वारिस पठान, अकबरुद्दीन ओवैसी, महमूद प्राचा, हर्ष मंदर, स्वरा भास्कर और अन्य को नोटिस जारी किया है।
अदालत ने यह नोटिस पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों से पहले कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग व भाषण देने के लिए उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग वाली याचिका पर जारी किया है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की खंडपीठ ने कहा कि वह प्रस्तावित प्रतिवादियों को नोटिस जारी करने के लिए कानून के अनुसार उचित समझती है, ताकि उन्हें जवाब देने की अनुमति मिल सके कि क्या उन्हें रिट याचिका के आध्केर पर पक्ष बनाया जाए या नहीं। यह याचिका लॉयर्स वॉयस ने दायर की है।

अवकाश प्राप्त जज की निगरानी में जांच की मांग
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता की खंडपीठ शेख मुजतबा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है। उन्होंने दिल्ली दंगों के दौरान चार भाजपा नेताओं कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, परवेश वर्मा और अभय वर्मा के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने पर मुकदमा दर्ज करने व पूरे मामले की जांच सर्वोच्च न्यायालय के अवकाश प्राप्त जज की निगरानी में करवाने का आग्रह किया है। लॉयर्स वॉयस ने इसी मामले में यह आवेदन दायर किया है।
एफआईआर दर्ज करने का आग्रह
याची की ओर से पेश अधिवक्ता सोनिया माथुर और सत्य रंजन स्वैन ने आवेदन में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनीष सिसोदिया, अमानत उल्लाह खान, वारिस पठान, अकबरुद्दीन ओवैसी, महमूद प्राचा, हर्ष मंदर, मुफ्ती मोहम्मद इस्माइल, स्वरा भास्कर, उमर खालिद, मौलाना हबीब उर रहमान, मो. दिलवर, मौलाना श्रेयर रजा, मौलाना हमूद रजा, मौलाना तौकीर, फैजुल हसन, तौकीर रजा खान और बीजी कोलसे पाटिल सहति 23 के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आग्रह किया है।
भड़काऊ भाषण से ही दंगे हुए
आवेदन में उन्होंने इन सभी के भाषणों का हवाला देते हुए कहा कि दंगों से दो दिन पहले इन लोगों ने भड़काऊ भाषण दिए और उसी के बाद दंगे हुए। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति मृदुल ने मौखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि इससे पहले कि हम इसे लागू करें, हमें उन्हें एक अवसर देना होगा। यदि वे इसका विरोध करते हैं तो हम इसे लागू नहीं कर सकते। अदालत ने मामले की सुनवाई 22 मार्च तय की है।

जवाब नहीं करेंगे दाखिल
अदालत ने लॉयर्स वॉयस द्वारा दायर आवेदन के संबंध में दो दिनों के भीतर दस्ती और इलेक्ट्रॉनिक मेल सहित सभी अनुमेय माध्यमों से नोटिस सर्व करवाने का निर्देश दिया है। केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अमित महाजन ने कहा कि वह उक्त आवेदनों का जवाब दाखिल नहीं करेंगे।

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