अपने साथी की जान बचाते यूपी का एक युवा अधिकारी हुआ शहीद, छह महीने पहले हुए थे सेना में भर्ती
A young officer from Uttar Pradesh was martyred while saving the life of his colleague, he had joined the army six months ago
गंगटोक/एजेंसी। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के निवासी एक युवा अधिकारी लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी साथी की जान बचाते हुए सिक्किम में बलिदान हो गए। साहस, नेतृत्व और साथियों के प्रति समर्पण का अद्वितीय उदाहरण पेश करते हुए भारतीय सेना की सिखिम स्काउट्स यूनिट के लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने गुरुवार को उत्तर सिक्किम में एक ऑपरेशनल कार्य के दौरान अपने साथी सैनिक की जान बचाते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया।
23 वर्षीय यह अधिकारी महज छह महीने पहले, 14 दिसंबर 2024 को सेना में नियुक्त हुए थे। वे एक टैक्टिकल ऑपरेटिंग बेस (टीओबी ) की ओर रूट ओपनिंग पेट्रोल (आरओपी ) का नेतृत्व कर रहे थे, जो कि भविष्य की तैनाती के लिए एक महत्वपूर्ण चौकी के रूप में तैयार की जा रही थी। सुबह करीब 11 बजे, पेट्रोल में शामिल अग्निवीर स्टीफन सुब्बा एक लकड़ी के पुल को पार करते समय संतुलन खो बैठे और तेज बहाव वाली एक पहाड़ी नदी में बह गए।
लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी ने अद्भुत सतर्कता, निःस्वार्थ नेतृत्व और अपनी टीम के प्रति अटूट समर्पण का परिचय देते हुए बिना किसी हिचकिचाहट के, तुरंत खतरनाक धारा में छलांग लगा दी। उनके साथ सैनिक नायक पुकार कटेल भी सहायता के लिए पीछे नहीं रहे। दोनों ने मिलकर डूबते हुए अग्निवीर को बचा लिया। लेकिन, दुर्भाग्यवश लेफ्टिनेंट तिवारी को नदी की तेज धारा अपने साथ बहा ले गई। तमाम प्रयासों के बावजूद, उनका पार्थिव शरीर लगभग 800 मीटर नीचे सुबह 11:30 बजे बरामद किया गया। लेफ्टिनेंट शशांक तिवारी की वीरता भारतीय सेना के मूल मूल्यों, निःस्वार्थ सेवा, ईमानदारी, आदर्श नेतृत्व और अधिकारी और जवान के बीच अटूट रिश्ते, का उज्ज्वल प्रतीक है, जो न केवल युद्ध में बल्कि शांति के समय में भी पोषित होते हैं।