थैंक यू पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा! झारखंड के मुस्लिम शख्स ने किया खून खौलाने वाला ट्वीट, उठा ले गई पुलिस

पहलगाम आतंकी हमले पर बोकारो के शख्स का सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट

  • बोकारो निवासी ने पहलगाम हमले पर विवादित पोस्ट किया
  • आरोपी मोहम्मद नौशाद को पुलिस ने तुरंत अरेस्ट किया
  • सोशल मीडिया पर आतंकियों के समर्थन में पोस्ट वायरल हुआ

बोकारो/झारखंड। झारखंड के बोकारो जिले में बुधवार को एक व्यक्ति को पहलगाम आतंकवादी हमले से संबंधित एक विवादास्पद सोशल मीडिया पोस्ट साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें से अधिकांश पर्यटक थे। आरोपी को बोकारो के बालीडीह थाना क्षेत्र के मिल्लत नगर से गिरफ्तार किया गया। पुलिस अधिकारी के अनुसार, मोहम्मद नौशाद नाम के इस व्यक्ति ने कथित तौर पर एक्स पर एक पोस्ट में आतंकी हमले के लिए पाकिस्तान और लश्कर-ए-तैयबा की प्रशंसा की थी। उसने कथित तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भड़काऊ सामग्री पोस्ट की थी, जिसमें पहलगाम आतंकी हमले के संबंध में “धन्यवाद पाकिस्तान” और “धन्यवाद लश्कर-ए-तैयबा” जैसे वाक्यांश शामिल थे। बलीडीह थाने के प्रभारी नवीन कुमार ने कहा, “उसे बलीडीह थाने के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत मिल्लत नगर से गिरफ्तार किया गया। उससे पूछताछ की जा रही है।”पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस मामले को इसलिए गंभीरता से लिया जा रहा है क्योंकि झारखंड में अगर कोई आतंकी वारदात को समर्थन दे रहा है। इस लिहाज से यह आंतरिक सुरक्षा के लिए भी खतरा है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है और उसकी हिस्ट्री के बारे में डिटेल में जांच की जा रही है।

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए एक जघन्य आतंकवादी हमले में दो विदेशी नागरिकों समेत कम से कम 26 लोगों की जान चली गई। हमलावरों ने एक बेहद परेशान करने वाली घटना में पिकनिक मना रहे पर्यटकों को निशाना बनाया, कथित तौर पर उनसे उनके धर्म के बारे में पूछा और गोली चलाने से पहले हिंदुओं को निशाना बनाया। लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े एक समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है। इसे 2019 के पुलवामा हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में नागरिकों को निशाना बनाकर किया गया सबसे घातक आतंकी हमला बताया जा रहा है। इन हत्याओं ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है, प्रमुख शहरों में सुरक्षा अलर्ट बढ़ा दिए गए हैं और हमले के पीछे सुरक्षा चूक और वैचारिक मकसद दोनों पर सवाल खड़े हो गए हैं।

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