बिहार के बेतिया में शिक्षा अधिकारी के ठिकानों पर छापेमारी

मिली नोटों की गड्डियां, गिनने के लिए मंगाई गई मशीनें

  • बेतिया में शिक्षा पदाधिकारी के घर पर विजिलेंस की छापेमारी हुई।
  • रजनीकांत प्रवीण के घर से भारी मात्रा में नकदी बरामद।
  • शिक्षकों ने रजनीकांत पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

बेतिया/बिहार। बेतिया में जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के घर पर विजिलेंस की रेड पड़ी है। पटना से आई टीम ने उनके घर की तलाशी ली। इस दौरान भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ। नोट गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी। रजनीकांत प्रवीण पर कई शिक्षकों ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। हाल ही में स्कूलों में बेंच-डेस्क और समरसेबल पाइप लगाने में भी गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। कहा जा रहा है कि मानक के विपरीत फिटिंग लगाई गई। स्कूल के प्रधान शिक्षकों ने नाम न छापने की शर्त पर यह जानकारी दी। आरोप है कि रजनीकांत प्रवीण ने अपने चहेते ठेकेदारों को काम दिया।जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण हमेशा विवादों में रहे हैं। विजिलेंस की टीम ने उनके घर से बड़ी मात्रा में नकदी बरामद की है। इतना पैसा मिला कि गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी। यह छापेमारी भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद हुई है।
कई शिक्षकों ने रजनीकांत प्रवीण पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। स्कूलों में बेंच, डेस्क और समरसेबल पाइप लगाने के काम में भी गड़बड़ी की शिकायतें मिली थीं। प्रधान शिक्षकों ने बताया कि फिटिंग मानक के अनुसार नहीं थी। उन्होंने यह भी बताया कि काम चहेते ठेकेदारों को दिया गया था। रजनीकांत प्रवीण पर लगे आरोपों की जांच चल रही है। विजिलेंस टीम आगे की जांच कर रही है। बरामद हुए कैश की गिनती की जा रही है। इस मामले में और जानकारी सामने आ सकती है। देखना होगा कि इस मामले में आगे क्या होता है। यह छापेमारी शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के मुद्दे को फिर से उठाती है।
बेतिया के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनी कांत प्रवीण पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगा है। एसवीयू ने उनके बेतिया, समस्तीपुर और दरभंगा स्थित ठिकानों पर छापेमारी की है। छापेमारी में भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई है। प्रवीण पर पद का दुरुपयोग कर करोड़ों रुपये कमाने का आरोप है। एसवीयू को मिली गुप्त सूचना के आधार पर यह कार्रवाई की गई। एसवीयू की जांच में पता चला है कि रजनी कांत प्रवीण ने 2005 से अब तक लगभग 1,87,23,625 रुपये की अवैध संपत्ति अर्जित की है। यह राशि उनकी ज्ञात आय के स्रोतों से कहीं अधिक है। एसवीयू ने प्रवीण के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र रचने का भी आरोप लगाया है।
रजनी कांत प्रवीण बिहार शिक्षा विभाग के 45वें बैच के अधिकारी हैं। वे 2005 से सेवा में हैं। उन्होंने दरभंगा, समस्तीपुर और बिहार के अन्य जिलों में शिक्षा पदाधिकारी के रूप में काम किया है। उनका सेवाकाल लगभग 19-20 साल का है। एसवीयू की टीम अब बरामद नकदी और दस्तावेजों की जांच कर रही है। इससे प्रवीण की अवैध संपत्ति के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है। एसवीयू की जांच अभी जारी है। आगे और खुलासे होने की संभावना है। ये छापेमारी बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है।
यह मामला शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। एक शिक्षा अधिकारी पर इतना बड़ा आरोप लगना चिंताजनक है। एसवीयू की जांच से और भी कई राज खुल सकते हैं। देखना होगा कि आगे इस मामले में क्या होता है। क्या और लोग भी इसमें शामिल हैं? यह जानना जरूरी है। इससे आम जनता का शिक्षा व्यवस्था पर से विश्वास उठ सकता है। सरकार को ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। ताकि भविष्य में ऐसे मामले न हों। साथ ही, शिक्षा विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।

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