दिल्ली-एनसीआर में जल्द चलेंगी एयर टैक्सी, घंटों का सफर मिनटों में होगा पूरा

Air taxis will soon run in Delhi-NCR, journey of hours will be completed in minutes

ग्रेटर नोएडा। आने वाले कुछ वर्षों में दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में परिवहन सेवा नए रूप में दिखेगी। सड़क पर टैक्सी की बजाय एयर टैक्सी से एक ही शहर में एक जगह से दूसरी जगह जाते लोग दिखेंगे।
इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में हो रहे अर्बन मोबिलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर शो (यूएमआइएस) में एयर टैक्सी का भविष्य दिखाया गया। एयर टैक्सी, उसका संचालन, वर्टिपोर्ट ( एयरटैक्सी का पोर्ट) आदि को लेकर कंपनियों ने अपने कॉन्सेप्ट पेश किया। इनमें से कुछ बड़ी संख्या में उत्पादन के लिए तैयार हैं, तो कुछ अगले वर्ष तक मूर्त रूप ले लेंगी।
अगले कुछ वर्षों में दिल्ली एनसीआर के लोग एक शहर से दूसरे शहर में महज 15 से 20 मिनट में पहुंच जाएंगे, जहां आज उन्हें डेढ़ से दो घंटे लगते हैं। अभी दो तरह की एयर टैक्सी के मॉडल पेश किए गए हैं। एक में पायलट सहित पांच लोग और दूसरी में पायलट सहित छह लोग बैठ सकेंगे। एयर टैक्सी में पांच की सवारी, 150 की स्पीड सीहार्स एयर लिमिटेड ने एयर टैक्सी सीहार्स एच5 का कॉन्सेप्ट पेश किया। कंपनी के संस्थापक अनुराग गुप्ता ने बताया कि सीहार्स एच5 अगले वर्ष मार्च तक आसमान में उड़ता नजर आएगा।
ये टैक्सी हेलीकाप्टर की तरह वर्टिकल टेक ऑफ करेगी और उतरेगी भी। इसे यात्री वाहन, जायराइड्स, एयर कार्गो, एयर एंबुलेंस, खोजबीन और बचाव व कोस्ट गार्ड के तौर पर उपयोग में लाया जा सकेगा। इसमें एक पायलट और चार सवारी बैठ सकेंगी। एक बार चार्ज होने पर ये 450 किमी की दूरी तय कर सकेगा। 550 किलोग्राम भार को लेकर उड़ सकेगी।
अनुराग गुप्ता ने बताया कि यह विश्व का पहले वर्टिकल टेक आफ एंड लैंडिंग एयरक्राफ्ट (ईवीटीओएल) है जो 10 मीटर की ऊंचाई पर भी उड़ सकता है। इमरजेंसी में आठ सेकंड में लैंड कर सकता है। इसकी लैंडिंग व टेकआफ के लिए किसी रनवे, एयरपोर्ट, सीपोर्ट की जरूरत नहीं है। एयरपेस इंडस्ट्रीज ने एयरडाक द वर्टिपोर्ट के कॉन्सेप्ट को लॉन्च किया। कंपनी के उपाध्यक्ष कपिल जैन ने बताया कि एयर टैक्सी का संचालन आने वाले कुछ वर्षों में देश में तेजी से देखा जाएगा। इनके संचालन, चार्जिंग, हाइड्रोजन भरने, यात्रियों के बैठने आदि के लिए एयरडाक बनाए जाएंगे।
कंपनी की ओर से ही देश के प्रमुख शहरों में एयरडाक (स्टेशन) बनाए जाएंगे। इसके लिए करीब 20 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। कंपनी की ओर से एयर टैक्सी का भी निर्माण भी अंतिम चरण में है जो 200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से उड़ने के साथ ही छह लोगों को बैठा सकती है।
यह ग्रीन हाइड्रोजन और बैट्री दोनों से चलेंगी। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसका परीक्षण किया जा रहा है। पूरा स्टेशन सोलर सिस्टम युक्त होगा, जिससे की कार्बन उत्सर्जन शून्य रहे। महज पांच रुपये प्रति किलोमीटर किराये का खर्च आएगा। प्रत्येक स्टेशन पर करीब 10 एयर टैक्सी होगी। पायलट प्रोजेक्ट के सफल होने पर रूट निर्धारण के लिए नागरिक उड्डयन विभाग से अनुमति ली जाएगी। एक्सपो में मैजिकमायना कंपनी के सीएसआइआर नेशनल एयरोस्पेस लैबोरेटरीज के सहयोग से तीन ड्रोन को प्रदर्शित किया है। आठ ब्लेड वाला आक्टाकाप्टर भारी सामान को ले जाने में सक्षम है। इसके लिए दूरस्थ इलाकों और सेना के लिए रसद भेजा जा सकता है। करीब 500 किलो भार का सामान उठा सकता है।
इसकी अधिकतम स्पीड 45 किमी प्रतिघंटा है। म्यूनीट्रिक्स ड्रोन के जरिये मोर्टार शेल को भी फेंक सकेंगे। कंपनी के अधिकारी ने बताया कि इसके अलावा एक अन्य ड्रोन आग बुझाने में उपयोग में लाया जा रहा है। इन तीनों ड्रोन का इस्तेमाल देश की सीमावर्ती क्षेत्र में हो रहा है।

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